- जगतपुर में चल रही सेना भर्ती प्रक्रिया के दौरान खुफिया विभाग के हत्थे चढ़ा सेना में नौकरानी दिलाने में नाम पर एक्टिव गिरोह का एक मेम्बर

- पास से मिले बिहार और यूपी पुलिस समेत कर्मचारी चयन आयोग के कई दस्तावेज, दो अन्य साथी हुए फरार, पूछताछ जारी, बड़े रैकेट के खुलासे की उम्मीद

VARANASI : सेना भर्ती प्रक्रिया शुरू होने से पहले जिस बात का डर था बुधवार को वही हुआ और खुफिया विभाग ने सेना भर्ती स्थल से सेना में नौकरी दिलाने वाले एक ठग को धर दबोचा। खुफिया विभाग ने पकड़े गए ठग को पुलिस के हवाले कर दिया है। ठग के दो अन्य साथी मौका देख कर भाग निकले। पकड़े गए ठग के पास से पुलिस ने बिहार और यूपी पुलिस समेत कर्मचारी चयन आयोग के कई डाक्यूमेंट्स, एक सादे कागज पर लिखा कई लड़कों के नाम, उम्र, योग्यता और घर का पता समेत कई लड़कों के अंक पत्रों की फोटो कॉपी और एक कागज पर लिखे लाखों का हिसाब मिला है। पुलिस का कहना है कि पकड़े गए ठग से पूछताछ की जा रही है और पूरी उम्मीद है कि इसकी मदद से सरकारी नौकरी दिलाने के नाम पर बेरोजगारों को ठगने वाले बड़े गिरोह का राजफाश होगा।

कैंडिडेट बनकर बिछाया जाल

रोहनिया स्थित जगतपुर डिग्री कॉलेज ग्राउंड पर चल रही सेना भर्ती के दौरान पिछले तीन दिनों से खुफिया विभाग के लोगों को दो तीन चेहरे डेली दिखाई दे रहे थे। शक होने पर बुधवार को खुफिया विभाग के कुछ अधिकारियों ने सेना में नौकरी पाने के लिए कैंडिडेट बनकर इन लोगों से सम्पर्क किया। पहले तो तीनों हिचक रहे थे लेकिन बाद में खुफिया विभाग ने खुद को कैंडिडेट्स का अभिभावक बताया और ठगों से भर्ती का प्रॉसेस और दी जाने वाले रकम के बारे में पूछा। इस दौरान वहां मौजूद तीनों ठगों ने बताया कि तीन लाख रुपये लगेंगे और सेना में भर्ती आसानी से हो जायेगी।

खिसक लिए दो

बिछाये गए जाल में तीन में से दो तो खुफिया विभाग के झांसे में आ गए और एक ने अपना नाम ह्दयीपुर, बलुआ का अभिषेक यादव और दूसरे ने बलुआ सेमरा, चंदौली का मनीष यादव बताया जबकि तीसरे ने अपनी पहचान छिपाकर रखी। इस बीच तीसरे युवक को कुछ शक हुआ और वह शौच के बहाने वहां से निकल लिया और फिर उसने मनीष को फोन कर अभिभावक बने लोगों के खुफिया विभाग के अधिकारी होने की सूचना दी। जिसके बाद मनीष भी मौका देखकर भाग निकला। इसके बाद मनीष ने जब वहां फंसे अपने तीसरे साथी अभिषेक को कॉल कर उसको भी वहां से भागने को कहा तो खुफिया विभाग के लोग खुलकर सामने आये और अभिषेक को पकड़ लिया।

बैग से मिले कागजात

खुफिया विभाग के लोगों ने जब पकड़े गए युवक अभिषेक की तलाशी ली तो उन्हे युवक के पास से एक बैग मिला। बैग की पड़ताल की गई तो उसमे बिहार और यूपी पुलिस के कई प्रमाण पत्र, प्रशस्ति पत्र समेत कर्मचारी चयन आयोग के कागजात मिले। इसके अलावा कई लड़कों के फोन नंबर, नाम, पिता को नाम, उम्र और योग्यता समेत अंक पत्रों की छायाप्रति और एक कागज में लिखा लाखों का हिसाब किताब भी मिला। इसके बाद खुफिया विभाग ने पकड़े गए युवक को रोहनिया पुलिस के हवाले का दिया। एसओ रोहनिया राजेश यादव के मुताबिक मामला बड़ा है और पकड़ा गया युवक सरकारी नौकरी दिलाने के नाम पर बड़े रैकेट का मेम्बर लग रहा है। उससे पूछताछ जारी है और जल्द ही इसके अन्य मेम्बर भी पुलिस गिरफ्त में होंगे।

सरकारी नौकरी दिलाने का करते थे वादा

खुफिया विभाग के लोगों की मानें तो पकड़ा गया ठग सेना में ही नहीं बल्कि बिहार और यूपी समेत कई और राज्यों में बेरोजगारों को सरकारी नौकरी दिलाने के नाम पर बड़ा गेम करता है। इस युवक के तार सिर्फ बिहार और यूपी में ही नहीं फैले हैं बल्कि एमपी, छत्तीसगढ़, बंगाल में भी इस ठग गिरोह का कब्जा है। फिलहाल पुलिस इस नेक्सस को तोड़ने में जुट गई है।