- शहर की दुकानों पर 100 रुपए में बन जाते हैं बायोमीट्रिक मुहर

- दैनिक जागरण आई नेक्स्ट काफी पहले ही उजागर कर चुका है खेल

- पुलिस की लापरवाही से भर्ती परीक्षाओं में सेंध लगा रहे जालसाज

GORAKHPUR: गोरखपुर में एसटीएफ के हत्थे चढ़े पुलिस भर्ती परीक्षा में धांधली की फिराक में लगे मुन्नाभाईयों के गुनाह में शहर की मुहर बनाने वाली तमाम दुकानें भी शामिल थीं। बायोमेट्रिक अटेंडेंस की काट निकालने के लिए इन दुकानों पर धड़ल्ले से फिंगर प्रिंट वाली मुहर बनाने का खेल जारी था। उधर, पकड़े गए मुन्नाभाइयों ने पूछताछ में एसटीएफ को उलझाने के लिए कोलकाता से फिंगर प्रिंट मुहर बनवाने की बात कही थी। लेकिन कड़ाई से पूछताछ के दौरान गैंग के मास्टरमाइंड अनिल गिरी ने स्वीकार किया कि वह शहर की मुहर दुकानों से भी अभ्यर्थियों के फिंगर प्रिंट वाली मुहरें बनवाता था। हालांकि ये खेल कोई नया नहीं है। दैनिक जागरण आई नेक्स्ट ने सालभर पहले ही मुहर की दुकानों के इस तरह के फर्जीवाड़े की पोल खोली थी। बावजूद इसके पुलिस व प्रशासन के उदासीन जिम्मेदारों ने कार्रवाई करना तो दूर, इन दुकानों की तरफ झांका तक नहीं।

हमने किया था खुलासा

14 अक्टूबर 2017 के अंक में दैनिक जागरण आई नेक्स्ट ने बायोमीट्रिक अटेंडेंस में फिंगर प्रिंट मुहर के जरिए हो रहे फर्जीवाड़े का खुलासा किया था। शहर में चल रहे इस कारोबार का स्टिंग कर खबर प्रकाशित की गई। लेकिन बावजूद इसके पुलिस ने इसे गंभीरता से नहीं लिया और न ही इसकी रोकथाम के लिए कोई दिलचस्पी दिखाई।

कार्रवाई की तैयारी में एसटीएफ

शहर में चल रहे इस कारोबार की अब एसटीएफ ने पड़ताल शुरू कर दी है। एसटीएफ के मुताबिक शहर के गोलघर से लेकर विभिन्न इलाकों में बन रहे फिंगर प्रिंट मुहर के कारोबार की पड़ताल कराई जा रही है। इस कारोबार से जुड़े कई व्यापारियों को टीम ने चिन्हित भी कर लिया है। जिनपर अब शिकंजा कसने की तैयारी शुरू कर दी गई है।

धरा गया था मुन्नाभाई गैंग

एसटीएफ टीम ने सोमवार को पुलिस भर्ती परीक्षा में सॉल्वर के जरिए पास कराने वाले मुन्नाभाई गैंग का भंडाफोड़ किया था। टीम ने इस गैंग के 11 सदस्यों को गिरफ्तार किया। जिनसे पूछताछ में यह पता चला कि गैंग के लोग परीक्षार्थियों से परीक्षा पास कराने के नाम पर मोटी रकम वसूलते हैं और परीक्षा में परीक्षार्थी की जगह तेज और पढ़े लिखे सॉल्वर से परीक्षा दिलाते हैं। हालांकि फर्जीवाड़े को देखते हुए अब भर्ती परीक्षाओं में बायोमीट्रिक अटेंडेंस की व्यवस्था की गई है, लेकिन जालसाजों ने इसका भी जुगाड़ निकाल लिया। आरोपियों ने खुद इस बात का खुलासा किया था कि वह बायोमेट्रिक अटेंडेंस के लिए परीक्षार्थियों के फिंगर प्रिंट का मुहर बनवा लेते हैं। फिर इस मुहर को लेकर सृल्वर परीक्षा देने जाता और आसानी से परीक्षार्थियों के उंगलियों के निशान का मुहर बायोमीट्रिक मशीन पर लगाकर अटेंडेंस लगा लेता है।

वर्जन

पुलिस भर्ती परीक्षा में पकड़े गए आरोपियों से पूछताछ में इस धंधे से जुड़ी कई अहम जानकारियां मिली हैं। जिनपर एसटीएफ टीम लगातार काम कर रही है। बायोमीट्रिक अटेंडेंस के लिए फिंगर प्रिंट मुहर बनाने वालों पर भी कार्रवाई की जाएगी। इसके लिए टीम को निर्देशित कर दिया गया है।

- अभिषेक सिंह, एसएसपी, एसटीएफ