‘ला बार्बे’ नामक इस संगठन की सदस्य पुरुषों की उच्च स्तर की बैठकों में गुपचुप घुसपैठ करती हैं। फिर विरोध जाहिर करने के लिए एकाएक नकली दाढ़ी लगा लेती हैं। इसके बाद कोई एक सदस्य बयान पढ़ती है जिसमें पुरुषों को उनके प्रभुत्व के लिए बधाई दी जाती है। फ्रेंच में बोलचाल की भाषा में ला बार्बे का मतलब “बस, अब बहुत हुआ” है।

ला बार्बे की एक सदस्य कोलेट कफिन अपना पर्स खोल कर नकली दाढ़ी निकाल कर दिखाते हुए कहती हैं, “यह मेरी आवाज है.” उन्होंने कहा, "हमारी कोशिश पुरुष वर्चस्व वाली परिस्थितियों में समाज को आईना दिखाना है जिसके कारण महिलाओं की हिस्सेदारी घटती जा रही है" ला बार्बे में समाज के विभिन्न क्षेत्रों की महिलाएं सदस्य हैं। इन सभी का मकसद एकजुट हो कर लिंग भेदभाव के खिलाफ संघर्ष करना है।

चार साल पहले हुआ था गठन

ला बार्बे का गठन चार साल पहले राष्ट्रपति चुनावों के दौरान हुआ था। तब पहली बार किसी पार्टी ने किसी महिला को देश के शीर्ष पद के लिए खड़ा किया था। समाजवादी सोगोलेन रॉयल निकोला सरकोजी से चुनाव हार गई थीं। अब रॉयल के साथ 25 साल बिताने वाले उनके पूर्व पार्टनर फ्रांस्वा ओलांड देश के राष्ट्रपति हैं।

वर्ष 2007 में कई महिलाओं ने पुरुषों के खिलाफ मीडिया और चुनाव के दौरान उग्र बयानबाजी करने की शिकायत की थी। रॉयल की चुनाव लड़ने की घोषणा के बाद खुद उनकी पार्टी के पुरुष सदस्यों ने ही उन्हें सिरे से खारिज कर देने वाले बयान दिए थे। इसके बाद से ला बार्बे राजनैतिक पार्टियों, बड़ी कंपनियों के शेयरधारकों और अन्य संगठनों को निशाना बना रहा है। संगठन का मानना है कि इन सभी क्षेत्रों में पुरुष ही हावी हैं।

हाल ही में इस संगठन की सदस्यों ने कान फिल्म फेस्टिवल में विरोध करके काफी सुर्खियां बटोरी थीं क्योंकि चुनी गई 22 आधिकारिक फिल्म में से एक भी किसी महिला द्वारा निर्देशित नहीं थी। कोलेट ने कहा, “वैसे आंदोलन महिलाओं के बारे में रहता है। लेकिन हमने अपना पूरा ध्यान पुरुषों पर केंद्रित कर रखा है। क्योंकि हमारे लिए दिक्कत औरतें नहीं बल्कि पुरुष हैं.”

हाल ही में ग्रांट ओरिएंट में एक कार्यक्रम में संगठन के सदस्यों ने ठीक ऐसा ही विरोध किया। इसमें कोलेट भी शामिल थी। विरोध तक ठीक था लेकिन एक छात्र ने फोटो लेने की कोशिश की तो होटल के सुरक्षाकर्मियों ने कार्रवाई की, क्योंकि आयोजकों ने इसे अपनी निजता में खलल बताया। इसमे कोलेट को कुछ चोटें भी आईं। इस कारवाई पर कोलेट ने कहा, “पिछले चार सालों के दौरान हमने करीब सौ ऐसे विरोध किए हैं। लेकिन पहली बार हमारे खिलाफ कोई मामला बनाया गया है.”

International News inextlive from World News Desk