मेरठ : प्रदेश में यातायात व्यवस्था में सुधार के लिए मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के निर्देश पर गत 28 जुलाई से 10 अगस्त तक पूरे प्रदेश में ट्रैफिक चेकिंग अभियान चलाया गया था। इसके बाद पुलिस ने कोई चेकिंग अभियान नहीं चलाया। यही कारण है कि अनाड़ी लोगों के हाथों में कार का स्टेयरिंग आ गया।

कमिश्नर ने दिए थे आदेश

एक हफ्ते पहले भी कमिश्नर ने सभी सरकारी व गैर सरकारी कर्मचारियों को हेलमेट व सीट बेल्ट लगाकर वाहन चलाने के लिए आदेश दिए थे। लेकिन कमिश्नर डॉ। प्रभात कुमार के आदेश को कोई मानने को तैयार नहीं है। पचास प्रतिशत लोग बिना हेलमेट व सीट बेल्ट के वाहन चलाते है।

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अधिवक्ताओं का बयान

अगर कोई बिना लाइसेंस के गाड़ी चलाकर किसी को कुचल देता है तो वह सीधे-सीधे हत्या में गिना जाता है। चालक के खिलाफ धारा 302 के तहत मुकदमा दर्ज किया जाता है। मगर पुलिस इस मामले में खेल करती है। सेटिंग के चलते मामला धारा 304 ए में दर्ज कर लेती है।

-अनिल बख्शी, वरिष्ठ अधिवक्ता

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पुलिस एक्सीडेंट के मामलों में खेल करती है। बहुत कम ऐसे मामले होते है जिसमें पुलिस एक्सीडेंट में धारा 302 के तहत मामला दर्ज होता है। जबकि अगर कोई बिना लाइसेंस के गाड़ी से किसी को कुचल दे तो उसके खिलाफ 302 में ही मामला दर्ज होता है।

-विजय चौधरी, वरिष्ठ अधिवक्ता

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ट्रैफिक पुलिस ही अभियान चलाकर लोगों में जागरूकता ला सकती है। बिना लाइसेंस गाड़ी चलाने वाले लोगों पर लगाम कसना बेहद जरूरी है।

-कौसर नदीम, वरिष्ठ अधिवक्ता ------

प्रदेश में काफी संख्या में लोगों की मौत एक्सीडेंट से हो रही है। अगर लोग टै्रफिक पुलिस के नियमों का पालन करने लगे तो एक्सीडेंट की घटनाएं कम हो सकती हैं।

-आशीष गुर्जर, वरिष्ठ अधिवक्ता

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शहर में काफी संख्या में नाबालिग बच्चे सड़क पर वाहन दौड़ा रहे है। जिससे दुघर्टना का खतरा बना रहता है। ट्रैफिक पुलिस चाहते हुए भी कोई कार्रवाई नहीं करती है।

-सुशील गोस्वामी, समाज सेवी

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ट्रैफिक विभाग अगर प्रतिदिन इमानदारी से ट्रैफिक चेकिंग अभियान शुरू कर दे तो एक्सीडेंट की घटनाएं कम हो सकती है।

-विपुल सिंघल व्यापारी नेता

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लोगों को जागरूकता लाने के लिए समय समय पर ट्रैफिक का अभियान चलता है। ट्रैफिक के नियमों की भी जानकारी दी जाती है।

-संजीव वाजपेई, एसपी ट्रैफिक