- तीन दिनों के बाद शहर सर्राफा, नील गली, कागजी बाजार आदि बाजारों के व्यापारियों ने खोली दुकानें

- नहीं हुई बिक्री, व्यापारी हुए हताश, बाहर का कोई नहीं आया व्यापारी

Meerut : तीरगरान और बजाजा बाजार में हिंसक संघर्ष में मारे गए सर्राफा व्यापारी के बेटे की घटना के विरोध बंद रखी गई दुकानें व्यापारियों ने मंगलवार को खोली। दुकानें खुली तो जरूर, लेकिन दुकानदारों के चेहरे पर कोई खास खुशी नजर नहीं आई। मंगलवार को खासकर सर्राफा व्यापारियों ने अपना दर्द किस तरह से बयां किया। आइए उन्हीं की जुबानी जानते हैं

दुकान तो खोलनी ही थी। लेकिन आज का दिन तो सूखा ही रहा है। कोई ग्राहक नहीं आया। वैसे भी ऐसी घटनाओं के बाद ग्राहक कुछ दिनों तक कम ही रहता है।

- मुकुल अग्रवाल, शिव आभूषण भंडार

हम थोक के व्यापारी हैं। ऐसी घटना के बाद बाजार में बाहर का व्यापारी नहीं आता है। व्यापार कुछ दिनों तक तो ऐसा ही रहेगा।

- राहुल एरेन, जीवीजी ज्वेलर्स

उम्मीद तो यही कर रहे हैं कि कुछ दिनों में माहौल पूरी तरह से ठंडा हो जाए। वैसे आज दुकान तो खोली तो है, लेकिन व्यापार पूरी तरह से जीरो है।

- राजकुमार कपूर, हरबंसलाल राजकुमार ज्वेलर्स

पिछले एक साल में सर्राफा मार्केट में इन जैसी घटनाओं की वजह से काफी नुकसान हुआ है। हिंसक घटनाओं के बाद बाहर का ग्राहक कुछ दिनों तक बिल्कुल भी नहीं आता है। ऐसे में व्यापार पूरी तरह से ठप हो जाता है।

- विनोद अग्रवाल, वीके ज्वेलर्स

सर्राफा व्यापारियों की हालत तो मौजूदा समय में काफी पतली है। यहां व्यापार बाहर के ग्राहकों के आने से होता है। हिंसक घटनाओं के बाद कुछ दिनों तक व्यापार पूरी तरह से सूना ही रहता है।

- मूलवर्धन जैन, जयपुर जेम्स