1- सेकेंड हैंड कार या दूसरे वाहनों की खरीद आम तौर पर कैश में होती है। लेकिन नए नियमों के लागू होने के बाद आपके लिए ऐसा करना आपके लिए मुसीबत खड़ी कर सकता है। अगर आप किसी से सेकेंड हैंड कार खरीदते हैं तो उसे 2 लाख रुपए से अधिक कैश पेमेंट न करें।  

2- क्रेडिट कार्ड की पेमेंट में 1 लाख या उससे ऊपर नकद देने पर इसकी जानकारी इनकम टैक्स डिपार्टमेंट को भेज दी जाती है। एक साल के दौरान 10 लाख या उससे ऊपर की क्रेडिट कार्ड की पेमेंट के लिए जारी चेक या ऑनलाइन ट्रांसफर की सूचना भी विभाग को दी जाती है।

3- कार्ड का यूज करते वक्त भी आपको यह पता होना चाहिए कि किस तरह की ट्रांजैक्शन इंकम टैक्स डिपार्टमेंट की जानकारी में भेजी जाती है। क्रेडिट कार्ड से एक साल में 2 लाख या उससे ऊपर की खरीदारी की सूचना विभाग को दी जाती है।

4- आम तौर पर लोग ज्वैलरी खरीदने में कैश का यूज करते हैं। ऐसा वे टैक्स के दायरे में आने से बचने के लिए करते हैं। ऐसे में अगर आप 2 लाख रुपए से अधिक के कैश से ज्वैलरी खरीदते हैं तो आप सरकार के निशाने पर आ सकते हैं। ऐसे में सरकार आप से इस रकम के स्रोत और टैक्स लायबिलिटी के बारे में पूछताछ कर सकती है।

5- पार्टी देने की तैयारी है तो सोच लें। इधर आपने करारे नोट खर्च किए और उधर इंकम टैक्स डिपार्टमेंट तक आपकी जानकारी पहुंची। अगर आपने किसी पार्टी वगैरा में 2  लाख रुपये से ज्यादा खर्च किए तो मान कर चलें कि आप सरकार की नजर में आ गए हैं। शादी वगैरा भी इसमें शामिल है।

6- आपको जमीन और घर खरीदने में लिमिट से ज्यादा कैश देने से बचना होगा। आम तौर पर लोग कैश से जमीन और घर खरीदने में ब्लैक मनी का यूज करते हैं। भले ही यह दोनों पक्षों की सहमति से होता है मगर अब इसके कोई मायने नहीं। सरकार की नजर प्रॉपर्टी की हर खरीद फरोख्त पर है।

7- बॉन्ड या डिबेंचर खरीदने के लिए एक फाइनेंशियल ईयर में अगर किसी शख्स ने 10 लाख या उससे ज्यादा की पेमेंट की है तो जिन कंपनियों या संस्थान से यह खरीदारी हुई है उन्हें यह जानकारी देनी होगी।   म्यूचुअल फंड या शेयर के बाईबैक के बारे में भी इसी तरह की सूचना को साझा करना होगा।

8- शेयर बाजार पर सरकार की नजर है। अगर कोई व्यक्ति गोल्ड ईटीएफ में एक लाख रुपए से अधिक का इनवेस्टमेंट करता है तो यह जानकारी आयकर विभाग को दी जाती है। अगर कोई इनवेस्टर शेयर बाजार में 1 लाख रुपए से अधिक का इनवेस्टमेंट करता है तो यह जानकारी भी वहां भेजी जाती है।

9- आप भले ही जानकारी छुपाएं मगर दुकानदार ऐसा नहीं करेगा। नए नियमों के मुताबिक, अगर आपने किसी दुकान से दो लाख रुपए या उससे अधिक की खरीदारी की है तो इसकी सूचना आयकर विभाग को जाती है।

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