अब मिलेगा कॉल ड्रॉप का पैसा

इंडियन टेलिकॉम कंपनियों को अब कॉल ड्रॉप के दौरान काटे गए पैसों को वापस लौटाना होगा. ट्राई ने इस मामले में अपने मानकों में परिवर्तन किया है. ट्राई के पुराने मानकों के अनुसार मैक्सिमम 2 परसेंट कॉल ड्रॉप होनी चाहिए. लेकिन यह प्रतिशत दो परसेंट से बढ़कर 4-5 परसेंट और फिर 14 परसेंट हो गया. इस बढ़त ने ट्राई को अपने मानकों में परिवर्तन लाने के लिए मजबूर किया है.

पूरे हुए सभी टेस्ट्स

ट्राई ने यह कदम उठाने से पहले तीन महीनों तक कॉल ड्रॉप मामले पर विस्तार से टेस्ट्स किए हैं. इन टेस्ट्स के बाद यह तय हुआ है कि आगामी अगस्त से सभी टेलिकॉम कंपनियों को कॉल ड्रॉप केसेज में ग्राहकों को पैसे वापस करने होंगे. कॉल ड्रॉप केसेज की जांच के लिए अत्याधुनिक उपकरण लगाए हैं जो इन केसेज पर नजर रखेंगे. इसके साथ ही ट्राई और सरकार करीब से देखेगी कि टेलिकॉम कंपनियों अपने ग्राहकों को पैसे वापस कर रही हैं या नहीं. ज्ञात हो कि ट्राई ने कहा है कि सभी कंपनियां कॉल ड्रॉप पर कटने वाले पैसों को तीन घंटे तक संबंधित ग्राहकों के खातों में वापस करें.

क्या है कॉल ड्रॉप का खेल

अगर कॉल ड्रॉप के खेल को समझने की कोशिश करें तो आप पाएंगे कि जब भी आपकी कॉल ड्रॉप होती है तो टेलिकॉम कंपनियां उस पूरे मिनट का चार्ज वसूल लेती हैं और आपको फिर से कॉल करना पड़ता है. इस मद से ही कंपनियों को हर साल करोड़ों की कमाई होती है.

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