मोदी और योगी की सरकार में ही बनेगा राम मंदिर : सिद्धार्थ नाथ सिंह

सीसीएस यूनिवर्सिटी में आयोजित किया गया गीत रामायण कार्यक्रम

Meerut। उप्र सरकार और महाराष्ट्र सरकार के बीच सांस्कृतिक आदान-प्रदान के मद्देनजर बुधवार शाम सीसीएस यूनिवर्सिटी में आयोजित गीत रामायण (मराठी) में पहुंचे राज्यपाल राम नाईक ने कहा कि उत्तर प्रदेश और महाराष्ट्र का सांस्कृतिक जुड़ाव प्राचीन काल से ही है। उन्होंने कहाकि भगवान राम के समय से ही दोनों प्रदेशों की संस्कृतियों का आपस में जुड़ाव था। उन्होंने कहा कि अयोध्या में जन्मे भगवान राम के वनवास का अधिकांश समय नासिक में स्थित पंचवटी में गुजरा था। इसलिए दोनो संस्कृतियों का पुराना नाता है। वहीं, इस मौके पर श्रीधर फड़के और आनंद माडगुलकर ने गीत रामायण और बाबूजींची गाणी का गायन करके सभी को मंत्रमुग्ध कर दिया।

शिवाजी महाराज से भी संबंध

उन्होंने कहा कि यूपी का महाराष्ट्र से जुड़ाव छत्रपति शिवा जी महाराज के दौरान भी रहा। काशी के राज भट् के अभिषेक के बाद ही शिवाजी महाराज को महाराष्ट्र में राजा माना गया था। यही नहीं, मेरठ के स्वतंत्रता संग्राम को ऐतिहासिक तौर पर सामने लाने का प्रयास भी वीर सावरकर से जुड़ा है, इसी जुड़ाव को और मजबूत करने के लिए दोनों प्रदेशों में सांस्कृतिक अनुबंध किया गया है। इस कारण ही मराठी गीत रामायण कार्यक्रम का आयोजन किया गया। दोनों राज्यों के मुख्यमंत्रियों की सहमति पर आयोजित इस कार्यक्रम में प्रचार-प्रसार का जिम्मा उप्र पर्यटन विभाग का था।

सुनाए कई संस्मरण

कविश्रेष्ठ गजानन दिगंबर माडगूलकर एवं गायक सुधीर फड़के के जन्म शताब्दी समारोह के अवसर पर सुभाषचंद्र बोस प्रेक्षागृह में राज्यपाल ने अपने कई संस्मरण सुनाए। उन्होंने कहा कि गीत रामायण के रचयिता स्व। माडगूलकर आधुनिक बाल्मीकि हैं। उन्होंने रामायण पर 56 गीत बनाए जो काफी लोकप्रिय हैं, इन गीतों को स्व। सुधीर फड़के ने स्वरबद्ध किया था। उन्होंने कहा कि महाराष्ट्र में दोनों विभूतियों का जन्मशताब्दी कार्यक्रम संचालित हो रहा है, ऐसे में यूपी में यह आयोजन दोनों प्रांतों के बीच सांस्कृतिक समावेश बढ़ाने के लिए मील का पत्थर साबित होगा।

पारिवारिक रिश्ते का जिक्र

अपने संबोधन में राज्यपाल राम नाईक ने बताया कि कविश्रेष्ठ गजानन दिगंबर मडगुलकर से उनके परिवार से घरेलू रिश्ते थे। छात्र जीवन में मडगुलकर उनके घर पर रहते थे। इसके बाद वे भी पुणे में मडगुलकर जी के घर पर रहे थे। एक बार जब वे विधायक बने तो उन्होंने बधाई देते हुए कहा था कि आप तो आमदार बन गए हैं। इसके बाद उन्होंने कहा था कि तुम भी आगे चलकर नामदार बनोगे। बस उन्हीं के आशीर्वाद से ही जीवन में सफलता मिली है। महाराष्ट्र में उत्तर भारतीयों के साथ किए जाने वाले व्यवहार पर राज्यपाल ने कहा कि कुछ लोगों ने राजनैतिक फायदे के लिए गलत किया, लेकिन इसे न महाराष्ट्र और न ही उत्तर प्रदेश में मान्यता मिली है।

कुंभ का भी महत्व बताया

राज्यपाल ने संबोधन में कहा कि पहली बार कुंभ इलाहाबाद नहीं बल्कि प्रयागराज में रहा है। वहीं, पहली बार प्राचीन वट वृक्ष खुलवाया गया। इस बार कुंभ में 125 देशों के तकरीबन 15 करोड़ शामिल हो रहे हैं। उन्होंने कुंभ की व्यवस्थाओं पर संतोष जताते हुए सभी को कुंभ स्नान के लिए आमंत्रित किया।

कुछ लोग फैलाते हैं नफरत

छत्रपति शिवाजी महाराज के 13वें वंशज संभाजी राजे ने कहा कि राज ठाकरे की यूपी के लोगों को भगाने की धमकी ठीक नहीं है। अगर महाराष्ट्र में उत्तर प्रदेश के लोग रहते हैं तो यहां भी महाराष्ट्र के लोग रहते हैं। घृणा की राजनीति नहीं करने दी जाएगी। राज ठाकरे जैसे लोग संबंधों को तोड़ने की कोशिश करते हैं। वहीं, महाराष्ट्र सरकार के मंत्री गिरीश बापट ने कहा कि लोगों को रामायण का महत्व मालूम है। गीत रामायण के बारे में जानकारी दी।

जल्द बनेगा राम मंदिर

वहीं प्रेसवार्ता के दौरान मंत्री सिद्धार्थ नाथ सिंह ने राम मंदिर के सवाल पर कहा कि मामला न्यायालय में होने के कारण अधिक नहीं बोल सकते, लेकिन मंदिर मोदी और योगी के राज में ही बनेगा। गठबंधन पर तंज कसते हुए उन्होंने कहा कि खिचड़ी पक गई है, भाजपा और प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने विरोधियों हैसियत याद दिला दी।

ये रहे मौजूद

इस कार्यक्रम में मराठी समाज उत्तरप्रदेश जिला कमेटी मेरठ के संरक्षक संजय जैन, प्रदेश महामंत्री प्रदीप गायकवाड़, अशोक पंवार आदि ने आगुंतकों का स्वागत किया। इस मौके पर सांसद राजेंद्र अग्रवाल, बीजेपी जिलाध्यक्ष रविद्र भड़ाना, करूणेश नंदन गर्ग आदि मौजूद थे।