- मौलाना कल्बे आबिद प्रथम वार्ड के कश्मीरी मोहल्ला में हादसा, मचा हड़कंप

- बगल में गिराए जा रहे एक अन्य जर्जर मकान के कारण भरभरा कर गिरा हिस्सा

 

LUCKNOW: मौलाना कल्बे आबिद प्रथम वार्ड के कश्मीरी मोहल्ले में करीब 70 से 80 साल पुराने जर्जर मकान का अगला हिस्सा भरभरा कर गिर गया। प्रत्यक्षदर्शियों की मानें तो मलबे की चपेट में आने से वहां से गुजर रहे एक युवक और उसकी भतीजी घायल हो गई। हादसे की जानकारी मिलते ही घटना स्थल पर हजारों लोगों की भीड़ जमा हो गई। सूचना पाकर सआदतगंज थाने की पुलिस मौके पर पहुंची और राहत कार्य शुरू किया। इसके साथ ही घायल मासूम और उसके चाचा को अस्पताल भेजवाया। इसके बाद निगम की टीम मौके पर पहुंची और मलबा एकत्रित करने का काम शुरू किया।

 

यह है मामला

कश्मीरी मोहल्ले के 80 साल पुराने दो मंजिला मकान में रमेश चंद्र साहू के परिवार समेत आठ से दस अन्य परिवार रहते हैं। कुल मिलाकर करीब 25 से 30 लोग मकान में जिंदगी गुजार रहे हैं। मकान का अगला हिस्सा जर्जर होने के कारण सभी लोग मकान के पिछले हिस्से में रह रहे हैं। गुरुवार सुबह अचानक इसी मकान का अगला हिस्सा गिर गया। जोरदार आवाज होने से इलाके में हड़कंप मच गया और मकान के पिछले हिस्से में रह रहे लोग जान बचाकर सड़क पर आ गए। इसके साथ ही मौके पर हजारों लोगों की भीड़ जमा हो गई। हर तरफ कोहराम मच गया।

 

ये हुए घायल

जिस वक्त मकान का अगला हिस्सा गिरा, उस दौरान वहां से इलाके में रहने वाले मतीन अपनी आठ वर्षीय भतीजी इलमा के साथ वहां से गुजर रहे थे। मकान के मलबे की चपेट में आने से दोनों को चोटें आई। प्रत्यक्षदर्शियों की मानें तो ईंटें लगने से बच्ची को ज्यादा चोटें लगीं। मौके पर आई पुलिस ने दोनों को उपचार के लिए अस्पताल भेजा। इस दौरान एक अन्य बच्ची के भी घायल होने की चर्चा रही। हालांकि पुलिस ने इस तथ्य को सिरे से नकार दिया।

 

अफवाहों का बाजार गर्म

जैसे ही मकान गिरा उसका मलबा सड़क पर बिखर गया, इलाके में अफवाहों का भी बाजार गर्म हो गया। किसी ने कहा कि तीन से चार लोग दबे हैं तो कोई बोला सात से आठ लोग। हालांकि जैसे ही मलबा साफ होना शरू हुआ, स्थिति अपने आप साफ हो गई और अफवाहों पर विराम लग गई।

 

इसलिए गिरा मकान

जोनल अधिकारी जोन 6 की मानें तो जिस स्थान पर मकान था, ठीक उसके बगल में भी जर्जर मकान है। जिसे भवन स्वामी की ओर से गिराया जा रहा है। चूंकि जो मकान गिरा और जो बगल में स्थित है, उसकी मेन दीवार मिली हुई है। इसी स्थान पर गिरे हुए मकान का मुख्य द्वार पर भी है। मकान के पिछले हिस्से में सब लोग रहते हैं। जर्जर मकान गिराए जाने और बारिश की वजह से दीवार का बेस हिल गया और जर्जर मकान का अगला हिस्सा ताश के पत्ते की तरह ढह गया।

 

हो सकता था दर्दनाक हादसा

जो परिवार मकान के पिछले हिस्से में रह रहे हैं, अगर वे अगले हिस्से में होते और इस दौरान मकान का अगला हिस्सा गिरता तो निश्चित रूप से गाजियाबाद और नोएडा में गिरी इमारतों जैसे हादसे की तस्वीर यहां भी सामने आ जाती। जब लोगों को पता चला कि हादसे में किसी की जान नहीं गई है तो हर किसी ने राहत की सांस ली।

 

पुलिस का सराहनीय प्रयास

सूचना मिलते ही मौके पर सआदतगंज थाने के इंस्पेक्टर नीरज ओझा मय फोर्स के साथ पहुंचे और सबसे पहले उन्होंने घायलों को उपचार दिलाया। इसके बाद अपनी टीम व स्थानीय लोगों की मदद से मलबा साफ कराने में जुट गए। उधर, थोड़ी देर बाद निगम की टीम मौके पर पहुंची और रोबोट की मदद से मलबे को तेजी से हटाने का काम शुरू किया। जोनल अधिकारी ने भी मौके पर जाकर पड़ताल की।

 

वर्जन

एक अन्य जर्जर भवन को गिराने जाने के कारण मकान का अगला हिस्सा गिरा था। मलबे को हटाने का काम शुरू कर दिया गया है। इसके लिए विशेष टीमें लगाई गई हैं।

बिन्नो अब्बाज रिजवी, जोनल अधिकारी, जोन 6, नगर निगम

 

वर्जन

जिस मकान का अगला हिस्सा गिरा, उसमें करीब आठ से दस परिवार रहते हैं। मकान का अगला हिस्सा गिरा था, जिसके मलबे की चपेट में आने से वहां से गुजर रहे चाचा-भतीजी को चोटें आईं। फिलहाल कोई बड़ी जनहानि नहीं हुई है।

नीरज ओझा, इंस्पेक्टर, सआदतगंज