-बंदोबस्त अधिकारी बोले-बीमार था इसलिए नहीं कर सका पूछताछ

<-बंदोबस्त अधिकारी बोले-बीमार था इसलिए नहीं कर सका पूछताछ

BAREILLYBAREILLY :

सुभाषनगर स्थित चकबंदी उप कार्यालय पर तैनात रिश्वतखोर लेखपाल के खिलाफ कार्रवाई से अफसर कतरा रहे हैं। लेखपाल की करतूत उजागर हुए चार दिन हो चुके हैं। अफसर अभी जांच शुरू करने की बात तक ही अटके हुए हैं। अफसरों का यह रवैया कहीं न कहीं उस ओर इशारा कर रहा है, जिस तर्क को आधार बनाकर लेखपाल रिश्वत की रकम में एक पाई कम लेने को तैयार नहीं हो रहा था।

बंदोबस्त अधिकारी देख चुके हैं वीडियो

दैनिक जागरण आईनेक्स्ट में किसानों से रिश्वत लेता लेखपाल 'कैद' हेडिंग से लास्ट मंथ ख्8 जून को न्यूज पब्लिश होने के बाद बंदोबस्त अधिकारी प्रेमचंद द्विवेदी एक्शन मोड में दिखे थे। स्टिंग की वीडियो को देखा था कि लेखपाल किस तरह ऑफिस में सरेआम किसानों से खतौनी पर दस्तखत करने के नाम पर रुपए वसूल रहा है। इतना ही नहीं मामले में डीएम वीरेंद्र कुमार सिंह ने भी संज्ञान लिया था। उन्होंने बंदोबस्त अधिकारी से मामले की जांच के निर्देश दिए थे। अफसोस पक्का सुबूत हाथ में होने के बाद भी इन अफसरों को कार्रवाई के लिए जांच का इंतजार है।

एसीओ के अल्फाज में ही थ्ाी ढिलाही

जिस ऑफिस के चकबंदी लेखपाल शैलेंद्र कुमार विश्नोई ने किसानों से रिश्वत लेता है। स्टिंग की खबर पढ़ने के बाद जब बंदोबस्त अधिकारी ने सहायक चकबंदी अधिकारी 'एसीओ' को तलब किया था। उच्चाधिकारी के समक्ष एसीओ के अल्फाज में ही ढिलाही का पुट उजागर हो गया था, जिसमें उन्होंने कहा था कि क्0-ख्0 रुपए लेखपाल लेते होंगे। क्00-क्भ्0 रुपए संभव नहीं है। लेखपाल को मैंने डांट दिया है। अब वह क्0-ख्0 रुपए भी नहीं लेगा। हालांकि, एसीओ ने भी जब स्टिंग की वीडियो देखी तो मुंह से एक लफ्ज भी नहीं निकला कि लेखपाल इतना अधिक रुपए कैसे ले रहा है।

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तबीयत खराब होने के कारण सुभाषनगर ऑफिस नहीं पहुंच पाया और न लेखपाल से पूछताछ कर सका। मंडे को लेखपाल के रिश्वत मामले की जांच करता हूं। जांच में दोषी पाए जाने पर कार्रवाई की जाएगी।

आरएस द्विवेदी, बंदोबस्त अधिकारी