- <- FRU centres FRU centres में सीजर नहीं होने पर नाराज हैं हेल्थ डिपार्टमेंट के ऑफिसर्स

- डफरिन हॉस्पिटल के हालात खराब, महज दो गायनेकोलॉजिस्ट के भरोसे हैं मरीज

<में सीजर नहीं होने पर नाराज हैं हेल्थ डिपार्टमेंट के ऑफिसर्स

- डफरिन हॉस्पिटल के हालात खराब, महज दो गायनेकोलॉजिस्ट के भरोसे हैं मरीज

ALLAHABAD: allahabad@inext.co.in

ALLAHABAD: सुविधाएं देने के बावजूद रिस्पांस नहीं मिलने पर हेल्थ डिपार्टमेंट के ऑफिसर्स ने नाराजगी जाहिर की है। मामला डिस्ट्रिक्ट के एफआरयू <सुविधाएं देने के बावजूद रिस्पांस नहीं मिलने पर हेल्थ डिपार्टमेंट के ऑफिसर्स ने नाराजगी जाहिर की है। मामला डिस्ट्रिक्ट के एफआरयू ((फ‌र्स्ट रिफरल यूनिट<फ‌र्स्ट रिफरल यूनिट) ) सेंटर्स का है, जहां गायनेकोलॉजिस्ट एप्वाइंट करने के बावजूद सीजर नहीं हो रहे हैं और इन केसेज को डफरिन हॉस्पिटल रिफर किया जा रहा है। ऐसे में ऑफिसर्स का कहना है कि अगर ऐसे केस रिफर किए जाते रहे तो उनसे एक्सप्लेनेशन कॉल किया जा सकता है।

फिर क्यों नहीं करते सीजर

हेल्थ डिपार्टमेंट के ऑफिसर्स का कहना है कि डिस्ट्रिक्ट में करछना और हंडिया एफआरयू सेंटर्स पर गायनेकोलॉजिस्ट डॉक्टर्स एप्वाइंट किए गए हैं। ताकि रूरल सीजर केसेज को हैंडिल किया जा सके। बावजूद इसके वहां के मामले डफरिन रिफर किए जा रहे हैं। इससे पब्लिक परेशान हो रही है और डफरिन हॉस्पिटल पर लोड बढ़ रहा है। सुविधाएं होने के बावजूद अब लापरवाही बर्दाश्त नहीं की जाएगी। अगर जान-बूझकर केसेज रिफर किए जाते रहे तो एफआरयू के डॉक्टर्स को एक्सप्लेनेशन मांगा जा सकता है। इसके अलावा फूलपुर और सोरांव प्रस्तावित एफआरयू सेंटर्स हैं। यहां पर भी सुविधाएं मुहैया कराई जा रही हैं।

डफरिन में तैनात हैं महज दो गायनी

बता दें कि एक ओर तो एफआरयू सेंटर्स पर शासन ने गायनेकोलॉजिस्ट तैनात कर रखे हैं लेकिन इसके उलट डफरिन हॉस्पिटल में लेवल फोर की केवल दो गायनेकोलॉजिस्ट मौजूद हैं। जिन पर सीजर केसेज का बहुत ज्यादा लोड है। वहीं स्टाफ में एक बहुत बड़ी संख्या प्लेन एमबीबीएस डॉक्टर्स की है जो सीजर केसेज ठीक से हैंडिल नहीं कर सकते हैं। वहीं मेल डॉक्टर्स भी अच्छी खासी तादाद में हैं। ऑफिसर्स का कहना है कि इस मामले में शासन को लिखा जा रहा है। डफरिन हॉस्पिटल में सही मायने में फीमेल डॉक्टर्स सहित बेहतर गायनेकोलॉजिस्ट्स की जरूरत है, जिससे मरीजों को बेहतर इलाज की सुविधाएं मुहैया कराई जा सकें।

एफआरयू सेंटर्स पर गायनेकोलॉजिस्ट मौजूद हैं, बावजूद इसके वहां सीजर नहीं हो रहे हैं। इनको डफरिन रिफर किया जा रहा है। जबकि, यहां पर पहले से ही सर्जन कम हैं। अगर ऐसा ही चलता रहा तो एफआरयू सेंटर्स को एक्सप्लेनेशन कॉल किया जाएगा। उन्हें अपनी जिम्मेदारी समझनी होगी।

डॉ। आभा श्रीवास्तव, एडिशनल डायरेक्टर, हेल्थ डिपार्टमेंट