रेट आसमान पर
फलों का शॉर्टेज हो गया है। बारिश की वजह से फल समय से मार्केट में नहीं पहुंच पा रहे हैं। मार्केट में डिमांड काफी अधिक है सप्लाई कम है। ये कुछ अफवाहें हैं जो फलों का कारोबार करने वालों ने उड़ा रखी है। इन सबके चलते फलों के रेट में बेतहाशा बढ़ोतरी हो गयी है। उन्हें मालूम है कि एक महीना चलने वाले रमजान और सावन में फलों की जबरदस्त डिमांड होगी। फलों को जिस रेट पर बेचा जाएगा उस रेट में लोग खरीदने को मजबूर होंगे। अधिक से अधिक कमाई के लिए कारोबारी फलों की जमाखोरी कर रहे हैं। जानबूझकर शॉर्टेज दिखाते हुए रेट को बढ़ा रहे है। सचाई तो यह है कि फलों की अच्छी खासी खेप हर रोज पहडिय़ा फल मण्डी में पहुंच रही है। यहां का रेट भी सामान्य बना हुआ है।
बढ़ गयी है डिमांड
रमजान शुरू होने के साथ ही फलों की डिमांड बढ़ गयी है। इस पाक महीने में रोजा रखने वालों ने सेहत के लिए खाने के साथ फ्रूट्स की मात्रा बढ़ा दी है। मुस्लिम बाहुल्य इलाकों में फलों की दुकानें सज रही हैं। मदनपुरा, रेवड़ी तालाब, सरैयां, बजरडीहा, लल्लापुरा, खोजवां आदि एरिया में फ्रूट्स की शॉप्स खूब गुलजार हैं। कहीं केला तो कहीं सेब तो कहीं अनार की बिक्री हो रही है। कुछ दिनों में सावन भी शुरू हो जाएगा। इसके बाद तो फलों की बिक्री और अधिक बढ़ जाएगी।
आसमान पर पहुंचा रेट
डिमांड बढऩे के साथ ही फलों का रेट आसमान पर पहुंच गया है। फलों के एक महीने पहले के रेट और अब के रेट में काफी अंतर नजर आ रहा है। फल बेचने वाले संजीव सोनकर का कहना है कि फल कम आने की वजह से रेट बढ़ रहा है। उनका कहना है कि बारिश की वजह से फल समय से नहीं आ पा रहे हैं। लाते समय वह खराब भी हो रहे हैं। यह हालत बारिश के मौसम खत्म होने तक जारी रहेगा।
यहां तो सबकुछ ठीक है
पहडिय़ा फल मण्डी के अढ़तिया दिनेश सोनकर कहते हैं कि मंडी में फलों के रेट पर कोई खास असर नहीं है। फलों की आवक बढ़ गयी है। रमजान की वजह से डिमांड बढ़ी है। सावन के शुरू होते डिमांड और अधिक बढ़ जाएगी। डिमांड को देखते हुए अढ़तियों ने पहले से तैयारी कर ली है। हर बार की तरह इस बार भी वह अधिक माल मंगा रहे हैं। फलों को लम्बे समय तक रखना मुश्किल है इसलिए उसे जल्द से जल्द सेल भी किया जा रहा है।
जमकर हो रही जमाखोरी
फ्रूट्स का रेट मंडी में नहीं मण्डी के बाहर बढ़ रहा है। मण्डी से फल सीधे मार्केट में नहीं आते हैं। फुटकर फल बेचने वाले सस्ते रेट में मण्डी से फल खरीदते हैं और रेट बढ़ाकर मार्केट में बेचते हैं। बढ़ी डिमांड को देखते हुए फुटकर फल कारोबारी अधिक से अधिक माल खरीदकर स्टोर कर रहे हैं। रमजान और उसके साथ सावन में फलों की जबरदस्त डिमांड को देखते हुए वह कच्चा माल खरीद रहे हैं। उसे कुछ दिनों तक स्टोर कर रहे हैं। कारोबारी फलों को सेफ रखने के लिए नेचुरल तरीकों के साथ ही कोल्ड स्टोरेज का यूज भी कर रहे हैं। सिटी में मौजूद कोल्ड स्टोरेज में इन दिनों फलों की काफी मात्रा मौजूद है। कुछ दिनों फलों को रखने के बाद मार्केट में निकाल रहे हैं। उसे मण्डी की अपेक्षा दो से तीन गुना अधिक रेट तक में बेच रहे हैं।
कमायी के लिए कितने जतन
-अधिक से अधिक कमाई के चक्कर में फल कारोबार गड़बड़ी भी खूब कर रहे हैं।
-फलों को अनेचुरल तरीके से पकाया जा रहा है।
-फलों को पकाने के लिए कार्बाइड का यूज किया जा रहा है।
-मौसमी को तैयार करने के लिए उसे केमिकल में डुबाया जा रहा है।
-ऐसे फलों का अधिक सेवन करने वाले की सेहत बिगडऩे का खतरा रहता है।
-डाइजेशन खराब करने के साथ केमिकल किडनी पर भी असर डालते हैं।
थोड़ी सी मेहनत से बचा सकते हैं रुपये
-फल मण्डी और ओपेन मार्केट में फलों के रेट में काफी अंतर है।
-मार्केट में जो फल बिक रहा है वह सेहत के लिए भी सही नहीं है।
-थोड़ी मेहनत की जाये तो आपके रुपये भी बच जाएंगे और सेहत भी दुरुस्त रहेगी।
-पहडिय़ा फल मण्डी के आढ़तियों के पास अच्छी मात्रा में फल मौजूद रहते हैं।
-अढ़तिया फलों को स्टोर करने के बजाय जल्द से जल्द सेल कर देना चाहते हैं।
-वह फलों को पकाने में कोई गड़बड़ी नहीं करते हैं।
खूब आ रहे फल
-केला भुसावल, बिहार से डेली 25 से 30 ट्रक मण्डी में पहुंच रहा है।
-सेब हल्द्वानी, शिमला के साथ जम्मू और कश्मीर से भी डेली 20 ट्रक तक आ रहा है। वाशिंगटन और चीन का सेव भी पहुंच आ रहा है।
-नासिक में अनार की अच्छी पैदावार हुई तो बनारस में भी डेली आठ से दस ट्रक पहुंच रहा है।
-आम लखनऊ के बाद अब रामपुर और बिजनौर से मण्डी में पहुंच रहा है। डेली दस से पंद्रह ट्रक आम आ रहा है।
यह है रेट (रुपये में)
फल मण्डी का रेट मार्केट रेट एक महीने पहले
केला 10 से 20 40-50 20-25 प्रति दर्जन
सेब 100-125 200-250 150-80 प्रति किलो
अनार 40-50 80-100 60-80 प्रति किलो
आम 15-20 50-60 20-25 प्रति किलो
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फलों को स्टोर करने के बारे में अभी कोई शिकायत हमें नहीं मिली है। त्योहार नजदीक है इसलिए मार्केट पर हमारी नजर बनी हुई है। फलों को स्टोर करने की कोई सूचना मिली तो कार्रवाई की जाएगी।
सुभाष सिंह
सचिव मण्डी परिषद