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RANCHI (09 छ्वह्वद्य4):

किसानों की कड़ी मेहनत से उपजाये गये फलों, सब्जियों और मसालों को नई जिंदगी देने का वैज्ञानिकों का प्रयास सफल रहा है। नामकुम स्थित इंडियन इंस्टीटयूट ऑफ नेचुरल रेजिंस एंड गम्स के साइंटिस्ट ने लाह से बना एक ऐसा फार्मूलेशन डेवलप किया है जो इन्हें नई जिंदगी देनेवाला साबित हुआ है। संस्थान के साइंटिस्ट नंदकिशोर ठोंबरे ने बताया कि इस लाह से बने फार्मूलेशन का लेप लग जाने से अदरक, अनार, गोलकी, जीरा, समुद्री मछली की सेल्फ लाइफ बढ़ जायेगी। चूंकि लाह एडिबल है इसलिए इसे खाने से भी किसी तरह की हानि नहीं होगी। लाह की पतली परत चढ़ जाने से इनपर फंगस नहीं लगेगा और ये लंबे समय तक खराब नहीं होंगे।

लगभग डबल हो जाती है सेल्फ लाइफ

संस्थान के डायरेक्ट डॉ केके शर्मा ने बताया कि लाह की कोटिंग से फल, सब्जियों और मसालों को नई जिंदगी देनेवाले फार्मूलेशन को डेवलप संस्थान के साइंटिस्ट डॉ पीसी सरकार ने डेवलप किया था। इससे धनिया, शिमला मिर्च, परवल और बैंगन पर कोटिंग कर देने से इनकी सेल्फ लाइफ लगभग डबल हो जाती है। अपने तीन साल के प्रोजेक्ट के दौरान डॉ पीसी सरकार ने इसे डेवलप किया था। इसका फायदा यह है कि इससे फल और सब्जियों के सिकुड़ने की शिकायत नहीं होगी। वहीं जो सब्जियां पीली पड़ जाती हैं वह समस्या भी नहीं होगी।

बरकरार रहेगी नमी

नंदकिशोर ठोंबरे ने बताया कि फलों, सब्जियों और मसालों पर लाह की कोटिंग लग जाने से एक तो इनके भीतर का मोइस्चर बरकरार रहेगा। वहीं धनिया, जीरा और गोलकी जैसे मसालों में कोटिंग लग जाने से इनके नेचुरल आयल भी नष्ट नहीं होंगे। इससे इनकी सुगंध और गुणवत्ता बरकरार रहेगी। अनार में इस फार्मूलेशन की कोटिंग किये जाने से ये महीनों तक खराब नहीं होंगे। इस कोटिंग का इस्तेमाल आसान भी है और सस्ता भी। किनू के फल पर एक लीटर की लाह फार्मूलेशन की कोटिंग से करीब एक टन पर कोटिंग की जा सकती है। इसलिए यह सस्ता भी है। इससे व्यापारियों और किसानों को अधिक फायदा होगा क्योंकि इससे उनके उत्पाद जल्द खराब नहीं होंगे।

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खास बातें

- इंडियन इंस्टीटयूट ऑफ नेचुरल रेजिंस एंड गम्स के साइंटिस्ट डॉ पीसी सरकार ने डेवलप किया है यह फार्मूलेशन

- गोलकी, जीरा, धनिया, अनार और बैंगन जैसी सब्जियों को नई जिंदगी देने में कारगर है यह कोटिंग

- किनू संतरे पर भी असरदार रही है यह कोटिंग

- इसके उपयोग से फल और सब्जियों की नमी बरकरार रहती है।

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वर्जन-

डॉ पीसी सरकार के बनाये गये फार्मूलेशन से फलों, सब्जियों और मसालों की शेल्फ लाइफ दुगुनी हो जाती है। इससे इनके सिकुड़ने और खराब होने की संभावना भी कम हो जाती है। यह फार्मूलेशन एडिबल भी है और नॉन टॉक्सिक भी है।

डॉ केके शर्मा, डायरेक्टर, इंडियन इंस्टीटयूट ऑफ नेचुरल रेजिंस एंड गम्स

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केरल में गोलकी उपजायी जाती है। इसे तोड़ने के साथ ही इसमें लाह की कोटिंग कर दी जाय तो इसकी उम्र तो बढ़ेगी ही। इसके भीतर के एसेंसियल ऑयल भी बरकरार रहते हैं। यह फार्मूलेशन फलों और सब्जियों के संरक्षण के लिए भी कारगर साबित हुआ है।

नंदकिशोर ठोंबरे, साइंटिस्ट, इंडियन इंस्टीटयूट ऑफ नेचुरल रेजिंस एंड गम्स