RANCHI : रिम्स में अगर बिजली गुल हुई तो न तो मरीजों का एक्सरे, सिटी स्कैन, अल्ट्रासाउंड और एमआरआई जांच हो पाएगी और न ही एंबुलेंस की सर्विस मिल पाएगी। इतना ही नहीं, बायो मेडिकल वेस्ट का डिस्पोजल भी ठप हो जाएगा। दरअसल हॉस्पिटल में जेनरेटर चलाने के लिए ईंधन का स्टॉक खत्म होने की कगार पर है और जिस एजेंसी से हॉस्पिटल का करार है, उसने पेट्रोल-डीजल की सप्लाई बंद कर दी है। इसकी वजह 30 लाख रुपए बकाया होना है। लेकिन, रिम्स प्रशासन का इस ओर कोई ध्यान नहीं है।

स्टॉक खत्म होने की कगार पर

रिम्स में फ्यूल का स्टॉक खत्म होने की कगार पर है। दूसरी तरफ गुमला पेट्रोल पंप ने 30 लाख रुपए बकाया होने की वजह से पेट्रोल-डीजल की सप्लाई बंद कर दी है। ऐसे में जिस दिन हॉस्पिटल में फ्यूल का स्टॉक खत्म होगा, उस दिन से मरीजों के इलाज पर आफत आ जाएगी, क्योंकि मरीजों को लाने-ले जाने के लिए एंबुलेंस में न तो तेल होगा और न ही उनकी एमआरआई, सिटी स्कैन और अल्ट्रासाउंड जैसी जांच हो पाएगी। मालूम हो कि हॉस्पिटल में जेनरेटर चलाने के लिए हर दिन सैकड़ों लीटर फ्यूल की जरूरत होती है, लेकिन इसकी 30 लाख बकाया होने के कारण एजेंसी ने सप्लाई बंद कर दी है।

बिल पेमेंट की हो रही पहल

रिम्स के डीएस डॉ गोपाल श्रीवास्तव ने बताया कि गुमला फ्यूल एजेंसी की ओर से ईंधन के मद में 30 लाख का बिल भेजा गया है। इसे संबंधित ऑफिसर के पास आगे की कार्रवाई के लिए भेज दिया गया है। उनके स्तर पर ही पेमेंट की प्रक्रिया पूरी की जाएगी। वैसे, ईंधन खत्म होने की नौबत नहीं आएगी, रिम्स प्रशासन का इस ओर पूरा ध्यान है।