समिति की रिपोर्ट कहती है, “इस संकट का पहले से अनुमान लगाकर इसे रोका जा सकता था और रोका जाना चाहिए था और प्रभावी तरीके से निपट कर इसके दुष्प्रभावों को कम किया जाना चाहिए था.”

रिपोर्ट में सरकार और फुकुशिमा परमाणु संयंत्र को चलाने वाली टेप्को कंपनी के स्तर पर गंभीर लापरवाहियों का जिक्र किया गया है। पिछले साल 11 मार्च को जापान में आए विनाशकारी भूकंप और सूनामी के बाद छह रिएक्टरों वाले फुकुशिमा दायची परमाणु संयंत्र को भारी नुकसान हुआ।

'कई स्तरों पर लापरवाही'

उसके बाद परमाणु संयंत्र से होने वाले रेडियोधर्मी रिसाव के कारण इलाके में अफरा तफरी मच गई और हजारों लोगों को वहां से विस्थापित करना पड़ा था। जापानी संसद ने पिछले साल मई में एक समिति का गठन किया था जिसे फुकुशिमा हादसे से निपटने के लिए अपनाए गए तौर तरीकों की छानबीन करने और अपनी सिफारिशें देने का काम सौंपा गया था। समिति के अध्यक्ष ने कहा कि संयंत्र को भूकंप और सूनामी से हुए नुकसान के अलावा भी कई स्तरों पर लापरवाही का खमियाजा उठाना पड़ा।

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