चंदन और देवदार की लकड़ी इंतजाम

आपदा के बाद राहत कार्य में बरती गई सरकार की देरी का सच किसी से छिपा नही है। हर कोई जानता है सरकार ने अगर समय रहते हुए जरूरी कदम उठाए होते तो शायद कई जान बच गई होती। खैर, देरी केवल सिस्टम से ही नहीं हुई। कुदरत भी शायद कहीं न कहीं दीवार बन कर खड़ा है। केदारघाटी में मरने वालों की आत्मा भी मुक्ति पाने के लिए इंतजार कर रही है। यहां भी मौसम आड़े आ रहा है। जनपद चमोली के गौचर स्थित एयरबेस पर सीनियर आईपीएस ऑिफसर अमित सिन्हा व कमीश्नर गढ़वाल सुवर्धन के साथ पूरा प्रशासनिक अमला बरसात के बंद होने की राह देख रहा है, जिसके बाद अंतिम संस्कार की प्रक्रिया शुरू की जा सके ।

हर इंतजाम लेकिन इंतजार

डीआाईजी गढ़वाल रेंज अमित सिन्हा के मुताबिक डेड बाडीज के फ्यूनरल के लिए सारी व्यवस्था कर ली गई है। सभी का धार्मिक मान्यता के अनुसार अंतिम संस्कार कराया जाएगा। मौसम का असर यहां भी आड़े आ रहा है। प्रशासन द्वारा पर्याप्त मात्रा में चंदन और देवदार की लकड़ी भी एयर बेस पर पहुंचाई जा चुकी हैं। लकडिय़ां बारिश में भीग कर खराब न हो इसलिए उन्हें सुरक्षित रखवाया गया है। मौसम विभाग से भी बात की गई, जिसमें पता चला कि फिलहाल बरसात के पूरी तरह रुकने में तीन से चार दिन तक का समय लग सकता है।

एक साथ होगा अंतिम संस्कार

आपदा राहत कार्य में ड्यूटी पर लगे सभी पुलिसकर्मियों को आस-पास के एरिया में मिली डेड बाडी का लिस्ट तैयार करने को कहा गया है। शवों को पुलिस के वाहन से उक्त स्थान पर लाया जाएगा, जिसे फिलहाल अंतिम संस्कार के लिए चुना गया है। पुलिस द्वारा फ्यूनरल के लिए एरिया के कर्म-कांडी पंडितों को भी उपलब्ध रहने की सूचना भेजी जा चुकी है। ऑफिसर की उम्मीद के मुताबिक, एक बार में लगभग सौ से सवा सौ मृत शरीर का अंतिम संस्कार किया जाना है। जिस डेड बाडी को आइडेंटिफाई कर लिया गया है उनके फैमली मेंबर को भी सूचित किया जा रहा है। अगर वे शव को अपने साथ ले जाना चाहते हैैं तो पुलिस इसके लिए दून स्थित एयरपोर्ट तक की व्यवस्था भी करेगी।

वर्जन-अंतिम संस्कार के लिए सारी व्यवस्था पूरी कर ली गई है। बस मौसम के साफ होने का इंतजार किया जा रहा है। इस प्रक्रिया को संपन्न कराने के लिए धार्मिक मान्यता के हर पहलू पर पंडितों से राय मशविरा भी किया गया है।

अमित सिन्हा, डीआईजी गढ़वाल रेंज