- सीएचसी पर डॉक्टर नहीं मिले तो जिला अस्पताल में फूटा गुस्सा

- मेडिको लीगल न होने पर जताई नाराजगी, डॉक्टर पर लगाया लापरवाही का आरोप

GORAKHPUR: जिला अस्पताल की इमरजेंसी में रविवार की रात गोला एरिया के घायल मरीज का उपचार हुआ। इस दौरान उसका मेडिको लीगल नहीं किया गया। करीब 11.30 बजे आक्रोशित फैमिली मेंबर्स ने इमरजेंसी पर ही जमकर हंगामा किया। इसकी जानकारी पर पहुंचे इमरजेंसी प्रभारी ने मामले की नजाकत को देखते हुए आश्वासन देकर किसी तरह उनका गुस्सा शांत कराया। तब जाकर परिजन बैक हुए।

सीएचसी पर भेजने से भड़के

गोला एरिया में नवनीत तिवारी पुत्र के ऊपर कुछ लोगों ने गड़ासे से हमला कर दिया था। इसमें वह गंभीर रूप से घायल हो गया। फैमिली मेंबर्स उसे तुरंत गोला सीएचसी पर ले गए, लेकिन वहां डॉक्टर व स्टाफ नहीं मौजूद था। मरीज की हालत गंभीर देखकर फैमिली मेंबर्स सीधे जिला अस्पताल ले पहुंचे। जहां उसका उपचार किया गया लेकिन मेडिको लीगल नहीं हुआ। इस पर परेशान परिजनों ने डॉक्टर से मेडिको लीगल करने की बात की तो उन्होंने उसे सीएचसी पर जाने की सलाह दी। इसी बात पर नवनीत के घर वाले हंगामा करने लगे। ईएमओ डॉ। दुर्गेश कुमार सिंह ने मामले को शांत कराने का प्रयास किया, लेकिन परिजन मानने को तैयार नहीं थे। इसी बीच किसी ने इमरजेंसी प्रभारी डॉ। शहनवाज को इसकी जानकारी दी। सूचना के बाद पहुंचे डॉ। शहनवाज ने परिजनों को समझाते हुए मामले को शांत कराया।

फैमिली मेंबर्स ने लगाया आरोप

नवनीत के फैमिली मेंबर्स का आरोप है कि गोला सीएचसी पर रात के समय डॉक्टर और स्टाफ ड्यूटी पर नहीं रहते हैं। इसकी वजह से गंभीर व एक्सीडेंटल मरीजों का उपचार नहीं हो पाता। उन्हें सीधे जिला अस्पताल या मेडिकल कॉलेज की ओर रुख करना पड़ता है। इतना ही नहीं जिला अस्पताल के डॉक्टर्स संबंधित सीएचसी पर मेडिको लीगल के लिए भेज देते हैं। इसकी वजह से लोगों को काफी परेशानी का सामना करना पड़ता है।

मेडिको लीगल के लिए लगा रहे चक्कर

खजनी व बेलघाट एरिया से मेडिको लीगल के लिए आए दिन मरीज के साथ परिजन आ रहे हैं, लेकिन जिला अस्पताल में भी उन्हें मायूसी ही हाथ लग रही है। तीमारदारों का कहना है कि आए दिन सिर्फ मेडिको लीगल के लिए चक्कर लगाया जा रहा है, लेकिन जिम्मेदार भी सुन कर नजर अंदाज कर दे रहे हैं। जिसकी वजह से मरीज के साथ तीमारदारों को भी परेशानी हो रही है।

मामले की जानकारी हुई है। गोला एरिया से एक बिना रेफर पशेंट्स पहुंचा। परिजन मेडिको लीगल कराने की जिद कर रहे थे। उन्हें उनके सीएचसी पर भेजा गया। फिर भी वह बवाल करने लगे। हालांकि यहां केवल गंभीर पेशेंट्स का मेडिको लीगल होता है। फिलहाल मामले की पूरी डिटेल्स ली जाएगी।

डॉ। एचआर यादव, एसआईसी