- तिवारीपुर थाना क्षेत्र में लाउडस्पीकर हटाने की मांग पर दो पक्ष भिड़े

- पुलिस ने भांजी लाठी तो भागे बवाली

GORAKHPUR: तिवारीपुर एरिया, नरसिंहपुर स्थित एक शैक्षणिक संस्थान में लाउडस्पीकर बजाने को लेकर चल रही पंचायती में जमकर बवाल हुआ। मंगलवार दोपहर पंचायत के लिए जुटे प्रतिनिधि समर्थकों के बीच मामूली कहासुनी पर पहले आपस में ईट-पत्थर चले। फिर उत्पातियों ने तिवारीपुर थाना पर पथराव कर माहौल बिगाड़ दिया। बवालियों से निपटने के लिए पुलिस ने लाठियां भांजी।

माहौल बिगड़ते देख पूरे इलाके को चार सेक्टर में बांटकर फोर्स तैनात कर दिया गया। शांति बहाल के लिए पुलिस ने फ्लैग मार्च किया। डीएम ने कहा कि गलतफहमी में कुछ लोगों ने एक-दूसरे पर पथराव किया। इससे अफरा-तफरी मच गई थी।

लाउडस्पीकर बजाने पर जताई आपत्ति

निजामपुर, नरसिंहपुर मोहल्ले में एक शैक्षणिक संस्थान है। संस्थान में लाउडस्पीकर बजाने पर मोहल्लेवासी ऐतराज कर रहे हैं। शनिवार को मोहल्ले के अजय कुमार ने तिवारीपुर पुलिस को तहरीर देकर लाउडस्पीकर बंद कराने की मांग की। रविवार को पुलिस ने जिम्मेदारों और शिकायतकर्ता को मोहल्ले के लोगों के साथ थाने पर बुलाया। एक पक्ष ने पुराने समझौते का हवाला देते हुए लाउडस्पीकर उतारने को कहा। दूसरा पक्ष 15 दिनों बाद लाउडस्पीकर उतारने की जिद पर अड़ा रहा। सोमवार को भी दोनों पक्षों के बीच पंचायती हुई। लेकिन बात नहीं बन सकी। मंगलवार सुबह 10 बजे दोनों पक्षों को फिर से थाने पर बुलाया गया। तय किया गया कि दोनों पक्षों के सात-सात लोग बतौर प्रतिनिधि मौजूद रहेंगे।

थाने पर किया पथराव, पुलिस ने भांजी लाठी

मंगलवार सुबह दोनों पक्षों के प्रतिनिधि थाने पर पहुंचते इसके पहले कुछ युवकों के बीच कहासुनी हो गई। अपशब्द कहने को लेकर लोग आपस में भिड़ गए। जानकारी मिलने पर मोहल्ले में फोर्स तैनात कर अफसरों ने दोनों पक्षों को पंचायती के लिए थाने बुलाया। बारी-बारी से दोनों पक्ष तिवारीपुर थाना पहुंचा। दोनों पक्षों के समर्थक भी जमा हो गए। फिर पुलिस ने भीड़ को भगाया। एसपी सिटी, एडीएम फाइनेंस, सिटी मजिस्ट्रेट सहित अन्य अधिकारियों की मौजूदगी में पंचायती शुरू हुई। दोनों पक्षों की बातचीत समझौते के कगार पर पहुंचती। इसके पहले थाने के बाहर सड़क पर जमा लोग भिड़ गए। इस दौरान कुछ लोगों ने थाने पर पथराव शुरू कर दिया। ईट-पत्थर चलने पर पुलिस ने सख्ती दिखाई। डंडा भांजकर उत्पात मचा रहे लोगों को थाने से खदेड़ दिया।

अफसरों ने किया फ्लैग मार्च

थाने पर बवाल से पूरे इलाके में सनसनी फैल गई। आनन-फानन में दुकानें बंद हो गई। अफवाह फैलने से लोग परेशान हो उठे। माहौल बिगड़ने की आशंका में डीआईजी शिव सागर सिंह, डीएम ओएन सिंह और एसएसपी रामलाल वर्मा फोर्स के साथ थाने पहुंचे। पूरे इलाके में फ्लैग मार्च कर अफसरों ने लोगों से शांति की अपील की। पूरे इलाके को सेक्टर में बांटकर पुलिस-प्रशासन के अफसर को तैनाती कर दिया गया। कमिश्नर पी गुरुप्रसाद ने भी मौके पर पहुंचकर हालात की जानकारी ली।

करार तोड़ने से बिगड़ी बात

थाने पर पथराव से समझौते की बात पीछे छूट गई। पुलिस की जांच में सामने आया कि 2004 में भी दोनों पक्षों के बीच बवाल हुआ था। मामला थाने पर पहुंचने के बाद एक पक्ष ने किसी नई तरह की गतिविधि न करने का समझौता किया। आरोप है कि करीब समझौते के विपरीत एक पक्ष ने शैक्षणिक संस्थान पर लाउस्पीकर लगा दिया। लोगों ने लाउडस्पीकर उतारने को कहा तो बात बिगड़ गई। एक पक्ष लाउडस्पीकर उतारने की जिद पर अड़ा रहा तो दूसरा पक्ष 15 दिन बाद लाउडस्पीकर हटाने को कहता रहा।

पुलिस की हीलाहवाली, खराब हुआ माहौल

मामला सामने आने पुलिस तीन दिनों तक कोई समझौता नहीं करा सकी। हर मौके पर शांति कमेटी की बैठक बुलाने वाली पुलिस इस प्रकरण में चूक गई। दोनों पक्षों ने प्रकरण को नाक का सवाल बना लिया। इस दौरान पुलिस ने जिम्मेदार और जवाबदेह लोगों की मदद नहीं ली। पंचायत में जुटे लोगों के साथ-साथ सर्मथकों की भीड़ थाने पहुंची तो उनको रोकने की कोशिश नहीं की गई। मंगलवार सुबह मोहल्ले में गुटबाजी कर रहे लोगों पर पुलिस ने सख्ती नहीं दिखाई। जगह-जगह गुटबाजी कर दोनों पक्षों के लोग बहस करते रहे। मामले को सलटाने के बजाय कुछ लोग इसको लगातार तूल देते रहे।