-जिला अस्पताल के इमरजेंसी का मामला

- आरोप, ऑक्सीजन मास्क हटाने से हुई मौत

- टोल फ्री नंबर पर डीजी से की शिकायत

GORAKHPUR: जिला अस्पताल के इमरजेंसी में बुधवार देर रात डॉक्टरों की लापरवाही के कारण एक बुजुर्ग की मौत हो गई। फैमिली मेंबर्स ने इलाज में लापरवाही का आरोप लगाते हुए जमकर हंगामा किया। आरोप है कि जिस समय मरीज को लाया गया उस समय हेल्थ इंप्लॉइज ने हृदय रोग विशेषज्ञ के न होने की बात कह सुबह आने को कहा। मरीज की कंडीशन बेहद खराब थी। परिजन डॉक्टर को बुलाने की मांग करने लगे। इस बीच मरीज को ऑक्सीजन दिया गया, लेकिन थोड़ी देर बाद ही ऑक्सीजन मास्क हटा दिया गया। इसके चलते मरीज की जान चली गई। गुस्से में परिजनों ने टोल फ्री नंबर पर डीजी को फोन कर श्ि1ाकायत की।

लापरवाही से हुई मौत

राजघाट एरिया के साहबगंज के रहने वाले 60 वर्षीय विशम्भर शरण गुप्ता की बुधवार रात अचानक तबियत खराब हो गई। परिजनों ने रात 12.30 बजे गंभीर हालत में मरीज को जिला अस्पताल के इमरजेंसी में भर्ती करवाया। यहां मौजूद डॉक्टर ने मरीज की कंडीशन देख उन्हें ऑक्सीजन लगाया। इस बीच परिजन हृदय विशेषज्ञ की मांग कर रहे थे लेकिन हेल्थ इंप्लॉइज का साफ कहना था कि रात में डॉक्टर नहीं आ पाएंगे। नाजुक हालत में मरीज को मेडिकल कॉलेज जाने की सलाह दी गई। परिजनों का आरोप है कि मरीज को अचानक खांसी आई तो हेल्थ एंप्लाइज ने ऑक्सीजन मास्क हटा दिया, जिसके बाद रात 1.41 बजे मरीज की मौत हो गई। परिजनों ने डॉक्टर से डेथ सर्टिफिकेट लेने से इनकार कर दिया। इस बीच उन्होंने कुछ हेल्थ एंप्लाइज के ड्यूटी से गायब होने की भी बात कही।

डॉक्टर साहब आते तो बच जाती जान

फैमिली मेंबर्स वीके गुप्ता ने बताया कि रात में इमरजेंसी में मौजूद डॉक्टर से हृदय रोग विशेषज्ञ को बुलाने की बात की गई तो उन्होंने कहा कि आधी रात को कोई डॉक्टर नहीं आ पाएगा। सुबह 8 बजे डॉक्टर मिलेंगे। मरीज को बीआरडी लेकर जाने में ही भलाई है। मरीज की स्थिति ठीक नहीं थी। उनका सांस फूल रहा था। आक्सीजन की बेहद जरूरत भी लेकिन यह जान कर भी लापरवाही बरती गई। जिसकी वजह से मरीज की मौत हो गई।

टोल फ्री नंबर पर की शिकायत

मौत के बाद परिजनों ने टोल फ्री नंबर 18001885145 पर फोन कर कंप्लेन नंबर 665/96 दर्ज करा। डीजी से मामले की शिकायत की। हालांकि इस मामले की जानकारी अस्पताल प्रशासन को दे दी गई है।

वर्जन

मरीज की हालत काफी नाजुक थी। इस हालत में उन्हें इमरजेंसी लाया गया था। इमरजेंसी अफसर ने इलाज किया। मरीजों को भर्ती करने को कहा गया। मरीज की कंडीशन ठीक नहीं थी इस लिए मेडिकल कॉलेज रेफर कर दिया गया। लेकिन परिजन ले जाने का तैयार नहीं थे। तभी मरीज की मौत हो गई। परिजनों की तरफ से जो आरोप लगाए गए है उसकी जांच कराई जाएगी।

डॉ। एचआर यादव, एसआईसी