- गुस्साई पब्लिक ने जताया विरोध, पथराव

- नंदानगर में रेलवे की जमीन पर बने थे मकान

GORAKHPUR: रेलवे की भूमि पर मकान बनाकर रहने वालों को रेल प्रशासन ने जबरिया बेदखल कर दिया। कड़कड़ाती ठंड में आरपीएफ की मौजूदगी में रेलवे अधिकारियों ने अतिक्रमण ढहाया। रेलवे की कार्रवाई से आक्रोशित लोगों ने पथराव किया। पथराव में एक्सक्यूटिव इंजीनियर के वाहन का शीशा टूट गया। कार्रवाई से प्रभावित लोगों का आरोप है कि कई साल से वे भूमि पर काबिज थे। कार्रवाई के पहले उनको कोई सूचना नहीं दी गई। सर्दी के मौसम में घर का सामान लेकर वह लोग कहां जाएंगे। एनईआर के पीआरओ ने बताया कि नियमानुसार कार्रवाई की गई है। अवैध ढंग से कब्जा करने वालों को पहले नोटिस दी जा चुकी है।

इलेक्ट्रिक लोको शेड के लिए चाहिए भूमि

नंदानगर दरगहिया में रेलवे की खाली भूमि है। जिस पर करीब 30 लोगों ने मकान बनाकर कब्जा कर लिया था। इलेक्ट्रिक इंजन शेड बनाने के लिए रेलवे को भूमि की जरूरत पड़ी तो अधिकारियों ने कार्रवाई शुरू की। कारखाना बनाने के लिए उसी भूमि को चिन्हित कर लिया गया। रेलवे अधिकारियों का कहना है कि कई साल से मकान बनाकर रह रहे लोगों को भूमि खाली करने का अल्टीमेटम दिया गया। 26 दिसंबर को सभी लोगों को नोटिस देकर सरकारी भूमि खाली करने को कहा गया। लेकिन जाड़े के मौसम की वजह से लोगों ने कुछ दिनों की मोहलत मांगी। हालांकि रेलवे प्रशासन ने उनके अनुरोध को ठुकरा दिया।

फोर्स के साथ पहुंचे रेलवे अधिकारी

रेलवे के अधिकारी शुक्रवार दोपहर फोर्स लेकर पहुंचे। आरोप है कि रेलवे अधिकारियों ने बिना कोई समय गंवाए कार्रवाई शुरू कर दी। घरों को ढहाने से लोगों के कीमती सामान टूटने लगे। इससे नाराज होर पब्लिक ने टीम को घेर लिया। कुछ लोगों ने पथराव शुरू कर दिया। उग्र लोगों ने पथराव कर एक्सक्यूटिव इंजीनियर की गाड़ी का शीशा तोड़ दिया। पब्लिक का आक्रोश देखकर रेलवे अधिकारी लौट गए। इस बीच अचानक कुछ लोगों के सामान धू-धू कर जलने लगे। तब लोगों ने आरोप लगाया कि रेलवे कर्मचारियों ने उनकी झोपडि़यों में आग लगा दी थी जिससे भारी नुकसान हुआ। घर ढहाने से सामान लेकर परिवार संग लोग खुले आसमान तले आ गए। लोगों ने कहा कि हम लोग कई पीढ़ी से यहां निवास कर रहे हैं इसलिए अपनी भूमि को खाली नहीं करेंगे।

इन्होंने बनाया था घर

राधेश्याम यादव, दुक्खी, बबलू यादव, राजकुमार निषाद, फूलपत्ती, अछैबर यादव, राजदेव, केशराज, गुड्डी शर्मा, लालू, प्रमिला, रुदल, झीनक, राजेंद्र, राम प्रसाद, राजकुमार, लालमन, अशोक कुमार, श्रीधर, कतवारु, कमलेश, राकेश, बाल किशुन, लालचंद, लालजी, इंद्रजीत, गुड्डू, जीरा देवी, सलोनी सहित 30 लोगों के मकान ढहाए गए। इनका आरोप है कि घरों में आग लगाने से उनका सारा सामान जल गया। उनके बच्चे ठंड में आखिर कहां जाएंगे।

वर्जन

रेलवे की भूमि पर लोगों ने नाजायज तरीके से घर बना लिया था। अतिक्रमण हटाने के लिए पहले से ही नोटिस दी गई थी। इसके बाद भी लोगों ने अपना कब्जा नहीं हटाया। नियमानुसार रेलवे की भूमि खाली कराई गई है। किसी के साथ कोई जोर-जबरदस्ती नहीं की गई। आग लगाने का आरोप निराधार है।

- सीपी चौहान, पीआरओ, एनई रेलवे