50 साल पुराने मंदिर को हटाने का करवा दिया आदेश

बजरंगियों ने की मूर्ति लगवाने की मांग, पुलिस ने दिया आश्वासन

आगरा। थाना हरीपर्वत स्थित टीला मायथान पर उस दौरान हंगामा हो गया जब महिला ने दीवार में बने मंदिर से प्रतिमा समेत सामान हटा दिया। मंदिर में तोड़फोड़ की सूचना पर कई थानों का फोर्स पहुंच गया। लोगों ने मंदिर हटाने का विरोध किया। मौके पर राष्ट्रीय बजरंग दल के कार्यकर्ता पहुंच गए। पुलिस ने लोगों को आश्वासन दिया जब जाकर मामला शांत हो सका।

नगर निगम ने लगाए थे निशान

टीला मायथान में नाले के ऊपर बने अतिक्रमण पर नगर निगम में अभियान के तहत निशान लगाए थे। जहां पर निशान लगे थे वह हिस्सा अतिक्रमण में है। वहीं पर रहने वाली अनीता गुप्ता की दीवार में मंदिर बना हुआ है जो नाले के ऊपर है। अनीता गुप्ता नगर निगम से अतिक्रमण हटाने को लेकर आदेश करा लाई। रविवार को मंदिर प्रतिमा और अन्य सामान हटाना शुरु कर दिया।

तोड़फोड़ की सूचना पर पुलिस पहुंची

लोगों ने मंदिर हटाने का विरोध किया। लोगों का कहना था कि मंदिर 200 साल पुराना है। उस दौरान किसी ने कंट्रोल रूप पर मंदिर में तोड़फोड़ की सूचना दे दी। सूचना पाते ही पुलिस के होश उड़ गए। आनन-फानन में शहर भर का फोर्स मौके पर पहुंच गया। लोगों ने मौके पर मंदिर हटाने को लेकर हंगामा कर दिया।

मौके पर पहुंचे बजरंगी

जानकारी होने पर राष्ट्रीय बजरंग दल के विभागाध्यक्ष गोविंद व जिलाध्यक्ष संजय जाट कार्यकर्ताओं के साथ पहुंच गए। मंदिर की स्थिति अस्त-व्यस्त पाकर हंगामा कर दिया। इस दौरान जम कर नारेबाजी हुई। मंदिर में मूर्ति तोड़ने व घंटा और जेवर चोरी करने के आरोप लगाए। लोगों का कहना था कि ये आस्था से खिलवाड़ हो रहा है।

लाठी खाने को बैठ गए लोग

लोगों की मांग थी कि मंदिर जस का तस होना चाहिए। इस पर लोगों की भीड़ रास्ते में बैठ गई। गोविंद पाराशर का कहना था कि अगर मंदिर की स्थिति पहले जैसी नहीं हुई तो उग्र आंदोलन होगा। अपनी मांग मंगवाए जाने को लेकर लोग रास्ते में बैठ गए। लोगों का कहना था कि वे लाठी खाने को भी तैयार हैं। पूर्व में भी मंदिर को लेकर विवाद हो चुका है।

आश्वासन पर माने लोग

मौके पर एएसपी अभिषेक व प्रशासनिक अधिकारी पहुंच गए। लोगों का कहना था कि मंदिर से मूर्ति गायब है। खंडित भी हैं साथ ही गहने भी गायब है। दानपेटी का भी नहीं पता। लोगों का कहना था कि मंदिर की ऐसी हालत करने वाले के खिलाफ कड़ी कार्रवाई की जाए। पुलिस और प्रशासनिक अधिकारी के आश्वासन पर लोग माने। इसी के बाद ढाई घंटे चला हंगामा शांत हो सका।