-हमीरपुर में सिपाही की संदिग्ध मौत का मामला, परिजनों ने हत्या का आरोप लगाया

-धोबिन पुलिया स्थित घर में शव पहुंचने परिजन भड़के, हंगामा, पथराव कर रोड जाम की

-हत्या की धारा व दो नाम बढ़ाने और जांच ट्रांसफर किए जाने की मांग की

KANPUR : हमीरपुर में सिपाही की संदिग्ध परिस्थिति में हुई मौत की आग शहर भी पहुंच गई। सोमवार को उसका शव जैसे ही घर पहुंचा, परिजन समेत इलाकाई लोगों ने बवाल कर दिया। परिजनों ने साजिश के तहत उसकी हत्या का आरोप लगाते हुए हाइवे जाम कर दिया। कुछ वाहन सवारों ने वहां से निकलने की कोशिश की तो गुस्साए लोगों ने उन पर पथराव कर दिया। सूचना पर एसओ फोर्स समेत मौके पर पहुंचे तो परिजनों की उनसे भी झड़प हो गई। जिसका पता चलने पर सीओ गोविन्दनगर, सीओ बाबूपुरवा और एसीएम फोर्स समेत वहां पहुंच गए तो परिजनों ने उनके सामने तीन मांगे रख दीं। एसीएम के आश्वासन के बाद परिजन शव को अन्तिम संस्कार करने के लिए ले गए।

जान से मारने की धमकी दी थी

नौबस्ता के धोबिन पुलिया के पास रहने वाले सीबी शर्मा का बेटा मनीष कांस्टेबल था। उसकी हमीरपुर में पोस्टिंग थी, वो वहां पर जिला पंचायत की पूर्व अध्यक्ष गीता मिश्रा का गनर था। उसकी रविवार को संदिग्ध परिस्थिति में गोली लगने से मौत हो गई थी। पुलिस के मुताबिक गीता मिश्रा के ससुर ओम प्रकाश का ड्राइवर सर्वेश लाइसेंसी बन्दूक साफ कर रहा था कि बन्दूक से फायर होने से मनीष को गोली लग गई थी। वहीं, परिजनों ने साजिश के तहत उनकी हत्या का आरोप लगाया है। पिता सीबी शर्मा का आरोप है कि गीता मिश्रा के पति जितेंद्र और ससुर ओम प्रकाश मनीष पर घरेलू काम करने का दबाव बनाते थे। जिसका विरोध करने पर उन लोगों ने मनीष को जान से मारने की धमकी दी थी। पिता के मुताबिक मनीष ने इस बारे में उनको बताया था। उनका दावा है कि इस रंजिश के चलते ओम प्रकाश और जितेंद्र ने साजिश के तहत उनके बेटे की हत्या करवाई है। इसके बाद उन्होंने पालिटिकल प्रेशर और रसूख के चलते गैरइरादतन हत्या की धारा रिपोर्ट दर्ज करवा दी है।

कई घंटे तक चलता रहा बवाल

परिजनों ने शव को घर पहुंचते ही उसे नौबस्ता-हमीरपुर हाइवे में रखकर हंगामा कर दिया। परिजनों ने रिपोर्ट में हत्या की धारा, जितेंद्र और ओम प्रकाश का नाम बढ़ाने और जांच को कानपुर में ट्रांसफर किए जाने की मांग की। पुलिस ने पहले उनको समझाने की कोशिश की, लेकिन वे मांग पूरी करने के जिद में अड़ गए। जब एसीएम ने मांग पूरी कराने का आश्वासन दिया तब उन्होंने शव को हटाकर अंतिम संस्कार किया। इस दौरान करीब ढाई घंटे तक बवाल चलता रहा है।

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पैदा होने से पहले अनाथ हो गया बच्चा

मनीष के परिवार में पत्नी पिंकी, बेटा अंश, मां सुमन और बाई सुधीर है। पिंकी गर्भवती है। वो मनीष की लाश को देख दहाड़े मारकर रोने लगी। वो रोते हुए बोल रही थी कि मेरा बच्चा पैदा होने से पहले ही अनाथ हो गया। उसकी मां का भी यहीं हाल था। वो तो शव को देख सदमे में चली गई। परिजन उनको ढांढ़स बंधाने की कोशिश कर रहे थे, लेकिन उनके आंसू थम नहीं रहे थे।