सीरिया के अराई टीवी का कहना है कि ख़ामिस अगस्त के महीने में ही अंतरिम परिषद के सैनिकों के साथ तारहूना शहर में हुई लड़ाई में मारे गए थे।

अंतरिम परिषद ने पहले ही कहा था कि ख़ामिस अगस्त महीने में मारे गए थे लेकिन इसकी पुष्टि नहीं हो पाई थी। अब अराई टीवी ने पुष्टि की है कि ख़ामिस 29 अगस्त को ही एक सैनिक टुकड़ी का नेतृत्व करने के दौरान मारे गए थे।

ख़ामिस के साथ उनके एक रिश्तेदार मोहम्मद अब्दुल्ला अल सानूसी की भी तारहूना की लड़ाई में मौत हुई थी। ख़ामिस की मौत की पुष्टि न होने की एक वजह यह भी रही थी कि उनकी मौत की ख़बर दो बार आई लेकिन वो ग़लत साबित हुई थी।

बानी वालिद में सेना

इस बीच लीबिया की अंतरिम परिषद के सैनिक बानी वालिद शहर में प्रवेश कर गए हैं। बानी वालिद गद्दाफ़ी के अंतिम गढ़ के रुप में जाना जा रहा था। अंतरिम परिषद के सैन्य कमांडरों का कहना है कि गद्दाफ़ी के वफ़ादार सैनिकों ने बानी वालिद के लिए कड़ा संघर्ष किया है। उधर गद्दाफ़ी के गृह नगर सिर्त में भी भीषण लड़ाई जारी है।

राजधानी त्रिपोली में बाब अल अज़ीज़िया नामक उस परिसर को बुलडोजर से नष्ट कर दिया गया है जिसमें गद्दाफ़ी रहा करते थे। अंतरिम परिषद का कहना है कि अब समय आ गया था कि तानाशाही के इस चिन्ह को नष्ट किया जाए।

अंतरिम परिषद के सैनिकों के अनुसार वो बानी वालिद में प्रवेश कर गए हैं लेकिन अभी साफ नहीं है कि उनका शहर पर पूरा नियंत्रण हो चुका है। सैनिक कई दिनों से बानी वालिद पर नियंत्रण की कोशिश में लगे थे।

अंतरिम परिषद के एक कमांडर जमाल सलेम ने एएफपी से कहा, ‘‘ हमने रविवार को शहर के दक्षिणी हिस्से से हमला शुरु किया और हमारे कुछ सैनिक अंदर प्रवेश कर गए लेकिन गद्दाफ़ी के वफ़ादार सैनिक कड़ा संघर्ष कर रहे हैं.’’

ऐसा अनुमान है कि बानी वालिद में गद्दाफ़ी के 1500 वफ़ादार सैनिक हैं। पिछले हफ्ते शहर पर हमले के दौरान अंतरिम परिषद को काफ़ी नुकसान हुआ था और वो पीछे हट गए थे।

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