-चोरी की घटनाओं को रोकने के लिए डीजीपी का फरमान

-जुआरियों को पकड़ो तो रुक जाएगी चोरी

ALLAHABAD: डीजीपी का फरमान है। जुआरियों को पकड़ो। उन्हें जेल भेजो। जहां मिलें जुआरी तुरंत कार्रवाई करो। जुआ में हारने के बाद ही जुआरी करते हैं चोरी। जुआ बंद तो चोरी पर भी लग जाएगा लगाम। लेकिन उन्हें कौन बताए कि यहां पर जुआ का खेल ऐसा है कि रुक नहीं सकता। रुकेगा भी कैसे जब खुद ही पुलिस वालों ने ही जुआरियों को पनाह दे रखा है। हालांकि अभियान जारी है।

तीन तरह के जुआरी एक्टिव

वैसे तो सिटी में जुआरियों के कई ग्रुप एक्टिव हैं। लेकिन पुलिस विभाग ने इसे तीन गु्रप में बांटा है। पहला हाई प्रोफाइल जुआरी। ये ऐसे जुआरियों का गैंग है जो शहर के किसी खास लोकेशन में या होटल में जाकर जुआ खेलते हैं। इनमें शहर के कई नामचीन लोग शामिल होते हैं। यहां पर लाखों का दांव लगता है। दूसरा है मिडिल कटेगरी। यह गु्रप हर मोहल्ले में सक्रिय होता है। किसी के घर में या गैराज में या किसी के गोदाम में बैठ कर जुआ खेलते हैं। इसे मोहल्ले का कोई व्यक्ति ही आपरेट करता है। यह पूरी तरह से पुलिस की मिलीभगत पर चलता है। हां, कुछ लोग ऐसे भी हैं जो परमानेंट जुआ खेलते हैं। उनका बाहरी लोगों से कोई टच नहीं होता। तीसरा गु्रप लोअर क्लास का होता है। यही सबसे ज्यादा खतरनाक भी होता है। इस कटेगरी के लोग पार्क, कब्रिस्तान, सड़क किनारे और रेलवे जंक्शन के पास जुआ खेलते मिल जाएंगे। इन्हें न तो पुलिस को खौफ होता है और ना ही अपने परिवार की इज्जत की चिंता। पुलिस भी इन्हें इसलिए नहीं पकड़ती क्योंकि इनके पास से ज्यादा माल रिकवरी नहीं होती।

खतरनाक हैं ऐसे जुआरी

डीजीपी एएल बनर्जी ने जुआरियों के खिलाफ अभियान छेड़ा है। सभी थानों को आदेश है कि वे अपने यहां जुआ खेलने वालों को पकड़ें। डीजीपी के आदेश पर शहर की पुलिस जुआरियों को पकड़ने का अभियान चला रही है। ऐसे लोग मोहल्ले में जुआ खेलने के बाद जुआ के आदी हो जाते हैं। फिर रुपए न होने पर वे रात में चोरी करते हैं। शुरुआत उनके अपने घर से होती है और उसके बाद मोहल्ले वाले टारगेट बन जाते हैं। मोहल्ले का होने के कारण उन्हें इस बात की जानकारी होती है कि आज रात में किसके यहां ताला बंद है। फिर वे आसानी से अपने साथियों की मदद से उस घर को ट्रेस कर लेते हैं।

जारी है अभियान

ऐसा नहीं है कि पुलिस ने डीजीपी के आदेश का पालन नहीं किया है। शहर की बात करें कई थानों की पुलिस दो दिनों से जुआरियों के खिलाफ अभियान चला रही है। करेली पुलिस ने ही सदियापुर ऊचवाटोला से तीन जुआरी, दारागंज पुलिस ने पूरा पड़ाइन से तीन जुआरी, जार्जटाउन पुलिस ने अल्लापुर से दो जुआरी और खुल्दाबाद पुलिस ने पिछले दिनों खुसरोबाग से सट्टोरियों को अरेस्ट किया था।

आई नेक्स्ट ने किया था खुलासा

जुआरियों और पुलिस का तालमेल की रियलिटी आई नेक्स्ट स्टिंग के जरिए प्रकाश में आई थी। सिविल लाइंस में सरेआम लोग जुआ खेल रहे थे। सिविल लाइंस पुलिस वहां पहुंचती है। पुलिस को देख कोई डरता नहीं है। एक जुआरी पीछे से पुलिस वाले के हाथ में क्00 रुपए का नोट थमा देता है। फिर क्या था। पुलिस वाला रुपए जेब में रखता है और वहां से निकल जाता है जबकि जुआ का खेल जारी रहता है।