- शिक्षा महकमे की जिम्मेदारी संभाल रहे सीनियर अधिकारी डीजी, डायरेक्टर लम्बी छुट्टी पर

- किताबें छापने के अलावा ट्रांसफर, वेतनमान, प्रमोशन के कई मामले लटके

DEHRADUN: शिक्षा विभाग के मुखिया छुट्टी पर हैं। वे जब छुट्टी पर गए तो एजुकेशन डायरेक्टर को अपना चार्ज दे गए। इसके बाद एजुकेशन डायरेक्टर ने भी अवकाश ले लिया और अपना चार्ज एडिश्नल डायरेक्टर को दे दिया। चार्ज शिफ्टिंग के इस गेम में विभाग के कई महत्वपूर्ण काम लटके हुए हैं। आला अफसरों के न होने के कारण किताबों की छपाई, कर्मचारियों के ट्रांसफर, मंडल परिवर्तन और मार्च से शुरू होने वाली बोर्ड परीक्षाओं की तैयारी प्रभावित हो रही है।

पटरी से उतरी व्यवस्था

विभाग के डायरेक्टर जनरल आलोक शेखर तिवारी 15 जनवरी तक छुट्टी पर हैं। डायरेक्टर बेसिक, माध्यमिक आरके कुंवर भी 17 जनवरी तक अवकाश पर हैं। दोनों आला अफसरों की जिम्मेदारी एडिश्नल डायरेक्टर माध्यमिक रामकृष्ण उनियाल के पास है। लेकिन, कई महत्वपूर्ण विषयों पर वे डिसिजन नहीं ले सकते, जिसके कारण महकमे का पूरा ढर्रा पटरी से उतर गया है।

किताब छपाई के टेंडर तक नहीं हुए

शिक्षा मंत्री ने इस सत्र से सभी सरकारी और गैर सरकारी स्कूलों में एससीईआरटी की किताबें हर हाल में लागू करने के निर्देश दिए हैं। शिक्षा महकमे के पास ही किताबें छपवाने का जिम्मा है। जिसके टेंडर की एजुकेशन डायरेक्टर आरके कुंवर को करने थे। वे छुट्टी पर चले गए और टेंडर नहीं हो पाए। कब टेंडर होंगे, कब किताबें छपेंगी ये बड़ा सवाल है।

ट्रांसफर का मामला लटका

शिक्षा महकमे में क‌ई्र वर्गो के तबादले होने हैं। जिनमें मंडल परिवर्तन का सबसे ज्यादा महत्वपूर्ण मामला है। कोर्ट के आदेश के बाद शिक्षा विभाग ने यूबीटीआर के लिए आवदेन मंगाने को कहा। कोर्ट का ऑर्डर पूरा करने के लिए परिषद ने कैंप लगाकर आवेदन के लिए शिक्षकों की दौड़ करा दी। ये केवर फॉर्मेलिटी तक सीमित रहा, शिक्षकों को आवेदन जमा करने के बाद रिसीविंग तक नहीं दी गई। कैंप में शिक्षा विभाग का कोई बड़ा अफसर तैनात नहीं रहा।

प्रमोशन, इक्रींमेंट के मामले

शिक्षा महकमे में कई संवर्गों के प्रमोशन और इंक्रीमेंट के मामले लटके पड़े हैं। जिसको लेकर शिक्षक संघ भी विरोध जता चुका है। इसमें विभागीय पदों पर प्रिसिंपल की पदोन्नति और अलग-अलग पदों में वेतन विसंगति के मामले अभी भी विभागीय स्तर पर लटके हुए हैं। जिनमें डीजी और डायरेक्टर की महत्वपूर्ण जिम्मेदारी है। ऐसे में जब तक उच्च अधिकारी वापस ज्वाइन नहीं करते तब तक ये मामले अधर में लटके रहेंगे।

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मंगलवार तक किताबें के टेंडर ओपन कर दिए जाएंगे। स्कूलों को इसी सत्र में किताबें उपलब्ध करा दी जाएंगे।

आलोक शेखर तिवारी, डीजी, एजुकेशन