- लेटलतीफी का कर रहे हैं खेल, निजी स्कूलों पर हो रही मेहरबानी।

- शेड्यूल के अनुसार नहीं हो रहा है काम।

Meerut- यूपी बोर्ड की हाईस्कूल व इंटरमीडिएड की परीक्षा की तैयारियां शुरू हो चुकी हैं। परीक्षा में एक बार फिर से दागी स्कूलों को परीक्षा केंद्र बनाने की पटकथा लिखी जा चुकी है। इसके पहले सीन में जिम्मेदार ने इस बार भी लेटलतीफी को अपना हथियार बनाया है। ऐसे में इस बार भी दागी कॉलेजों को केंद्र बनाया जाएगा इसकी पूरी आशंका नजर आ रही है।

बनाया जा सकता है दागी केंद्र

शासन के निर्देशों के मुताबिक जनपदीय समिति को केंद्रों की सूची फाइनल कर शनिवार तक यूपी बोर्ड की वेबसाइट पर अपलोड करनी थी, ताकि इन पर आपत्तियां मांगी जा सकें। हालत यह है कि अब तक केंद्रों की सूची फाइनल होना दूर जनपदीय समिति की बैठक तक नहीं हुई है। ऐसे में एक बार फिर देरी का बहाना कर आनन-फानन में दागी स्कूलों को केंद्र बनाया जा सकता है।

जारी किया गया था शेड्यूल

शासन ने केंद्र निर्धारण के लिए जो शेडयूल जारी किया था। इस बार भी माध्यमिक शिक्षा विभाग ने उसका पालन नहीं किया है। पिछले साल जनपदीय समिति की बैठक देर से हुई थी। इसके बाद सूची फाइनल करने में समय लगा। फिर आपत्तियां मांगी और बोर्ड परीक्षा से कुछ दिन पहले ऐसे कई स्कूलों को केंद्र बनाया गया, जिनका रिकॉर्ड खराब था। इस बार भी वहीं कार्यप्रणाली अपनाई जा रही है।

निजी स्कूलों पर मेहरबानी

निजी स्कूलों को केंद्र बनाने के लिए इस बार भी शिक्षा माफिया एक्टिव हो गए हैं। मेरठ में सवा सौ से अधिक राजकीय व एडिड स्कूल होने के बावजूद भी विभाग ने 40 निजी स्कूलों को केंद्रों की प्रस्तावित सूची में शामिल कर लिया है।

ये था शेड्यूल

- जनपदीय समिति द्वारा चयनित केंद्रों की सूची का प्रकाशन 5 नवम्बर

- आपत्तियां लेने की लास्ट डेट 12 नवम्बर

- आपत्तियों का निस्तारण, केंद्रों का अनुमोदन 20 नवम्बर

- मंडली समिति द्वारा केंद्रों को अंतिम रूप देकर बोर्ड को भेजना 28 नवम्बर

क्या कहते हैं अधिकारी

विभाग ने सोमवार को मीटिंग करने की तैयारी चल रही है। मीटिंग के बाद ही केंद्रों पर फैसला लिया जाएगा। किसी कारण से देरी हो गई है।

श्रवण कुमार यादव, डीआईओएस