PATNA : शोक नदी कही जानेवाली कोसी ने इस साल भी बिहार में कहर बरपाया है। लाखों जिंदगी तबाह हो गई है। हालात का जायजा लेने के लिए रविवार को उपमुख्यमंत्री तेजस्वी प्रसाद यादव ने सुपौल में कोसी तटबंधों का जायजा लिया। उनके साथ जल संसाधन मंत्री ललन सिंह भी थे।

जैसे ही सुपौल में कोसी गाइड को देखने पहुंचे कि बिफर पड़े। कटाव के पास पर कई इंजीनियरों को उन्होंने फटकार लगाई और कहा कि लापरवाही बर्दाश्त नहीं होगी। उन्होंने गैमन इंडिया प्रा। लि। के अफसरों को आड़े हाथों लेते हुए कहा कि गाइड बांध एनएच भ्7 के पास है। इसलिए गाइड बांध की सुरक्षा की जवाबदेही एनएचआई की है। इसका बड़ा काम गैमन इंडिया कंपनी देख रही है। कोसी महासेतु 8 फरवरी, ख्0क्ख् में बनी थी और इससे पहले गाइड बांध का निर्माण किया गया था। एनएच का मेंटनेंस जब तक गैमन इंडिया के जिम्मे है उसकी सुरक्षा भी गैमन को ही देखना है।

मंत्री ने पूछा, तबाही का अंदाजा भी है?

ललन सिंह ने फटकार लगाते हुए कहा कि क्रेट में बोल्डर को खुला छोड़ देना और बाढ़ में उसके बहने की कहानी कब तक चलेगी? गैमन इंडिया और एनएचआई के अफसर आखिर क्या चाहते हैं? रिटायर इंजीनियर समझ रहे हैं कि क्या कार्रवाई होगी। लेकिन समझ लीजिए काम में कोताही दिखी तो पेंशन बंद करवा देंगे। गाइड बांध की गंभीरता समझें। यह टूटा तो बिहार की कितनी बड़ी आबादी तबाह होगी इसका अंदाजा है आपलोगों को?

तेजस्वी ने पूछा, बाढ़ के समय काम क्यों?

तेजस्वी ने तेवर दिखाते हुए कहा कि डेढ़ साल में काम पूरा होना था तो विलंब क्यों हो रहा है? बाढ़ आने पर ही काम क्यों करते हैं आपलोग? सूखे के समय काम क्यों नहीं करते? कटाव एरिया में काम डेढ़ साल में पूरा होना था तो देर क्यों हुई? क्8 अगस्त, ख्008 में कुसहा बांध टूटा था। इससे बड़ी तबाही मची थी। एक बार फिर कोसी का पानी उफान मार रहा है। नेपाल में भारी बारिश से बांधों पर बड़ा दबाव है। लोग कुसहा त्रासदी याद कर सहमे हुए हैं। कोसी से इसलिए भी डर लगता है कि कोसी अपनी चाल बदलने में माहिर नदी है। कौन सा नया इलाका इसकी चपेट में आ जाएगा कहना मुश्किल है। इसकी कई सहायक नदियां भी उफान पर हैं। गंगा और महानंदा में यह मिलती है इसलिए इन दोनों नदियों के जल स्तर में भी कोसी की वजह से उफान बढ़ता है। कोसी के पूरब से पश्चिम की ओर खिसकने की वजह से ही लगभग क्0 हजार वर्ग किलोमीटर जमीन पर बालू भर गया है।

बाढ़ में समा गई ख्म् जिंदगी

बिहार में बाढ़ से हालात लगातार बिगड़ते जा रहे हैं। स्थिति को देखते हुए स्वास्थ्य मंत्री तेजप्रताप ने डॉक्टरों की छुट्टियां रद्द कर दी हैं। आदेश दिया है कि कोसी में बाढ़ पीडि़़तों के इलाज में किसी तरह की कोताही ना हो। अब तक ख्म् जिंदगी काल के गाल में समा चुकी है। सुपौल में 8, पूर्णिया में 7, किशनगंज में भ्, कटिहार में ख् और मधेपुरा में भी ख् लोगों की मौत हो चुकी है। सहरसा और अररिया में क्-क् मौत हुई है। ख्7.भ्0 लाख की आबादी बाढ़ से प्रभावित है। ख्क्म्ख् गांव इससे प्रभावित हैं।

नेपाल बॉर्डर पर बांध

कोसी में क्9भ्8 और क्9म्ख् के बीच बांध बना था। यह सीमा के पास नेपाल में है। पानी के बहाव को नियंत्रित करने के लिए भ्ख् द्वार हैें। इसको नियंत्रित भारत करता है। इससे आगे भारतीय सीमा में भारत की ओर से तटबंध बनाया गया है। जब बांध बना था उस समय अफसरों ने बताया था कि नौ लाख क्यूसेक घनफुट प्रति सेकेंड पानी के बहाव को बर्दाश्त कर सकता है और बांध की आयु ख्भ् साल होगी।

ये जिले हैं प्रभावित

पूर्णिया, किशनगंज, अररिया, दरभंगा, मधेपुरा, भागलपुर, कटिहार, सहरसा, सुपौल, गोपालगंज, मुजफ्फरपुर और पूर्वी चंपारण।

तो फिर होगा बड़ा असर

बांध पहली बार क्9म्फ् में टूटा। फिर क्99क् में नेपाल के जोगनिया और ख्008 में कुसहा के पास। तब बहाव क् लाख ब्ब् हजार क्यूसेक था। नेपाल अगर पानी छोड़ता है तो इसका बड़ा असर फिर बिहार पर पड़ेगा। फ्.भ् हजार किमी तटबंध को नेपाल से आने वाले पानी से नुकसान पहुंचता। इसकी मरम्मत सरकार करती है।