- ठंड की वजह से धूप सिकाई के लिए सैकड़ों की संख्या में जुटते हैं पटनाइट्स

- चारों तरफ गांधी मैदान में पसरी हुई है गंदगी, बड़ी-बड़ी घास और खुले गेट कभी भी बन सकते हैं हादसे की वजह

PATNA: ठंड की दस्तक के साथ ही पटनाइट्स के लिए पार्क व ग्राउंड सबसे अच्छा डेस्टिनेशन बना हुआ है। गांधी मैदान ऐसा ग्राउंड है, जहां हर दिन हजारों लोगों का आना-जाना होता है। इसके बावजूद हकीकत कुछ अलग तरह की है। यहां चारों तरफ कचरा पसरा हुआ है तो वहीं लंबी और बड़ी-बड़ी घास की वजह से जंगल जैसा लगने लगा है। कहीं से भी बैठने और उठने की अच्छी जगह नहीं है। ग्राउंड में आने वालों को काफी परेशानी आती है। इसके बाद भी इस पर कोई खास एक्शन नहीं लिया जाता है। डिस्ट्रिक्ट एडमिनिस्ट्रेशन से लेकर निगम एडमिनिस्ट्रेशन इस पर मौन दिखती है। जब भी इस तरह का मौका आता है तो हल्की-फुल्की सफाई करवा दी जाती है, जबकि बम धमाका के बाद ही डिस्ट्रिक एडमिनिस्ट्रेशन को हिदायत दी गयी थी कि लंबी और बड़ी घासों को रेगुलर काटा जाए, साथ ही कचरा और गंदगी की सफाई भी होनी चाहिए। आतंकी ने बम इन्हीं दोनों का सहारा लेते हुए लगाया था। इसके बाद भी लापरवाही दिख रही है। वहीं, हर दिन गांधी मैदान में आकर बैठने वाले स्कूल व कॉलेज स्टूडेंट्स से लेकर ओल्ड एज वाले लोगों के लिए बीच ग्राउंड में आकर बैठना भी मुश्किल हो रहा है।

बुक व सरस मेले के बाद भी सफाई नहीं

दो महीने में पांच से अधिक मेला गांधी मैदान में लग चुके हैं, लेकिन सफाई पर कोई ध्यान नहीं है। पुस्तक मेला, सरस मेला, उलेन मेला, होप मेला का ही नतीजा है कि पूरे गांधी मैदान में कचरे का ढेर है। फिलहाल पटना कमिश्नर की देखरेख में गांधी मैदान को दिया गया है। ऐसे में इसकी सफाई के लिए निगम नूतन सर्किल के ऑफिसर जवाबदेह हैं। एक्जीक्यूटिव ऑफिसर एनसीसी विशाल आनंद ने बताया कि फौरन कर्मियों को लगाकर पॉलीथिन और गंदगी को हटवा दिया जाएगा। महीने में एक से दो बार पूरा गांधी मैदान साफ किया जाता है।

गांधी मैदान में एक्टिविटीज बंद रहेगी

गांधी मैदान ख्म् जनवरी तक किसी भी तरह की एक्टिविटी के लिए बंद कर दिया गया है। यह सिर्फ आमलोगों के आने-जाने के लिए ही खुला रहेगा। पुस्तक मेला, सरस मेला के अलावा हर दिन यहां पर किसी न किसी रूप से मेले का छोटा-बड़ा आयोजन होते रहता है। इसके अलावा गांधी मैदान में बैठने और समय बिताने के लिए भी लोग आते हैं, पर अब तक यहां पर सफाई को लेकर निगम ने कोई प्लान नहीं बनाया है। जैसे-तैसे कचरा पसरा रहता है। महीने में एक दिन भी सफाई ठीक से नहीं हो पाती है।

अब तक पूरा नहीं हो पाया सौंदर्यीकरण

गांधी मैदान का सौंदर्यीकरण नहीं हुआ है। पटना प्रमंडल के तौर पर भी प्लान बनाया जा रहा है, लेकिन अब तक इस पर काम शुरू नहीं हो पाया है, जबकि तीन साल पहले से इसके एक तिहाई हिस्से को छोड़कर रेस्ट सौंदर्यीकरण के लिए लगाना था। लेकिन अब तक नहीं हो पाया है। वहीं, सिक्योरिटी के लिहाज से अब तक काम नहीं हो पाया है।

गांधी मैदान में बैठने के लिए अच्छी जगह तलाशनी पड़ती है। चारों तरफ पॉलीथिन व कचरा पसरा रहता है। घास बड़ी-बड़ी हो गई है। उसकी सफाई नहीं होती है। कहीं भी आप बैठ नहीं सकते हैं।

-राजीव कुमार, खगौल

मैं पटना घूमने आया तो गांधी मैदान आ गया, पर यहां की हालत देखकर दया आती है। जिस गांधी मैदान की कहानी सुनी और सुनायी जाती है, उसे नरक बनाकर लोगों ने रख दिया है।

-डायमंड कुमार, लखीसराय