-गांधी उद्यान स्थित बापू बाल वाटिका के ज्यादातर झूले टूटे

-नगर निगम के मुख्य पार्क में बच्चों के खेलने का इंतजाम नहीं

बरेली: बच्चों की आउटिंग के लिए बेहतरीन स्थान गांधी उद्यान 'एक समय' की बात हो चुकी है। कभी यहां विभिन्न प्रकार के झूले हुआ करते थे, जहां छोटे बच्चों को एंज्वॉय कराने के लिए बड़ी संख्या में पेरेंट्स आते थे, लेकिन मरम्मत के अभाव में झूले एक-एक कर टूटते गए। आज स्थिति यह है कि एक भी झूला दुरूस्त नहीं है। सभी टूट चुके हैं। हैरत की बात यह है कि नगर निगम के अफसर झूले लगाए जाने को लेकर झूठ पर झूठ बोले जा रहे हैं।

दो साल पहले हुई मरम्मत

लगभग दो साल पहले तत्कालीन मेयर डॉ। आईएस तोमर के कार्यकाल में शहर के पार्को की दशा सुधारने के लिए पांच करोड़ रुपए का बजट दिया गया था। इस बजट से पार्को की बाउंड्रीवाल आदि का निर्माण कराने के साथ ही बच्चों के खेलने के लिए झूले भी लगाए गए थे। सबसे ज्यादा बजट गांधी उद्यान में ही खर्च किया गया था। यहां स्थित बापू बाल वाटिका के सभी झूले भी सही करवाए गए थे। लेकिन इसके बाद किसी ने इसकी तरफ मुड़कर नहीं देखा। नतीजा यह हुआ कि अब यहां के ज्यादातर झूले टूट चुके हैं। ऐसे में यहां खेलने की हसरत लेकर आने वाले बच्चों को मायूस होना पड़ रहा है।

हर बार एक ही जवाब

गांधी उद्यान के झूलों की मरम्मत को लेकर नगर निगम के अफसर बेरुखी दिखा रहे हैं। इसे लेकर उनका एक ही जवाब होता है कि जल्द ही झूले सही करवा दिए जाएंगे। लगभग तीन महीने पहले जब इस बारे में नगर आयुक्त से बात की गई तो उनका कहना था कि जुलाई तक झूले सही करवा दिए जाएंगे, लेकिन अब तक नगर निगम ने इसके लिए टेंडर तक नहीं किया है। ऐसे में झूलों की जल्दी मरम्मत होने की उम्मीद भी नजर नहीं आ रही है।

मायूस होकर लौट जाते हैं बच्चे

शहर के बीच सबसे बड़ा सार्वजनिक पार्क होने के चलते रोजाना यहां सैकड़ों बच्चे खेलने के लिए आते हैं। छुट्टी के दिन यह संख्या और भी बढ़ जाती है, लेकिन यहां आने वाले बच्चों को टूटे झूले देखकर मायूसी हाथ लगती है। लेकिन नगर निगम के अफसरों को इससे कोई सरोकार नहीं है।

सीआई पार्क भी बदहाल

प्रेमनगर स्थित सीआई पार्क शहर का दूसरा बड़ा पार्क है। यह पार्क भी नगर निगम अफसरों की अनदेखी की मार झेल रहा है। शाम होते ही पार्क में असमाजिक तत्वों का जमावड़ा लगने लगता है। इसके चलते लोग यहां बच्चों को भेजने से कतराते हैं। लेकिन नगर निगम के अफसर इस पर भी ध्यान नहीं दे रहे हैं।