माघ मेला की सफलता को अखाड़ा परिषद अध्यक्ष महंत नरेंद्र गिरि के साथ संग डीएम ने किया गंगा पूजन

ALLAHABAD: संगम की रेती पर प्रतिवर्ष लगने वाले माघ मेले की तैयारियां तेज हो गई हैं। संगम नोज पर शुक्रवार को प्रशासनिक अधिकारियों व संत-महात्माओं की मौजूदगी में गंगा पूजन हुआ। जिलाधिकारी संजय कुमार व अखिल भारतीय अखाड़ा परिषद के अध्यक्ष नरेन्द्र गिरि की अगुवाई में शुक्रवार को वैदिक मंत्रोच्चार के साथ गंगा पूजन किया गया। साथ ही गंगा मइया से माघ मेले को सकुशल सम्पन्न कराने की कामना भी की।

सीसीटीवी व ड्रोन से होगी निगरानी

जिलाधिकारी संजय कुमार ने कहा कि माघ मेला प्रशासन द्वारा माघ मेला 2016-17 की व्यवस्था को 5 सेक्टरों में विभाजित किया गया है। पूरे मेले की निगरानी सीसीटीवी व ड्रोन कैमरे से की जाएगी। प्रत्येक सेक्टर में एक-एक सहायक प्रबन्धक तथा पर्यवेक्षक की तैनाती की गई है। इस बार मेले के लिए 1432 बीघे जमीन उपलब्ध है। मेला का अधिकतर हिस्सा झूंसी की तरफ बसाया जाएगा। उन्होंने कहा कि पुरानी संस्थाओं को पूर्व की भांति सुविधाएं मिलेगी। भूले भटकों को अपनों से मिलाने के लिए शिविर स्थापित किया जाएगा। जिसका संचालन दो सेंट्रल कंट्रोल रूम से किया जाएगा।

दिसम्बर तक तैयार होगा घाट

स्नानार्थियों को सहजता के साथ स्नान कराने की भी तैयारियां की गई है। प्रशासन की ओर से संगम स्नान घाट, अरैल स्नान घाट (दो स्थान पर), रामघाट (दोनों तरफ), दण्डीबाड़ा घाट (दोनों ओर),आचार्यबाड़ा घाट, दशाश्वमेघ घाट, काली सड़क से महावीर जी मार्ग तक, महावीर जी मार्ग से अक्षयवट के दक्षिण मार्ग तक, खाक चौक, गंगोली शिवाला घाट, जीटी रोड तथा मोरी रोड स्थानों पर नदी के तटों पर स्नान घाटों का निर्माण कर उनका विकास व विस्तार दिसम्बर माह में ही पूरा कर लिया जाएगा। वहीं ध्वनि प्रदूषण से बचाव हेतु रात्रि दस बजे से भोर में चार बजे तक ध्वनि विस्तारक यंत्रों का प्रयोग वर्जित रहेगा। लेकिन आपात स्थिति में किसी आवश्यक सूचना के प्रसारण के लिए मेला प्रशासन इसका उपयोग कर सकेगा।

प्रमुख स्नान पर्व

पौष पूर्णिमा : 12 जनवरी

मकर संक्रांति : 14 जनवरी

मौनी अमावस्या : 27 जनवरी

बसंत पंचमी : एक फरवरी

माघी पूर्णिमा : 10 फरवरी

महाशिवरात्रि : 24 फरवरी