- तटवर्ती मोहल्लों में घुसने लगा गंगा-वरुणा का पानी

- लोगों ने हटाए परिवार, ऊपरी मंजिलों पर पहुंचाया सामान

- सात दिन में सात मीटर चढ़ा गंगा का पानी, एनडीआरएफ अलर्ट मोड पर

VARANASI

एक महीने पहले जो गंगा और वरुणा नदियां बेपानी नजर आ रही थीं। भारी बरसात के बाद वह रौद्र रूप धारण कर चुकी हैं। जलस्तर बढ़ने के साथ ही शहर के तटवर्ती मोहल्लों में नदियों का पानी तेजी से घुसने लगा है। मोहल्लों में हाहाकार मचा है। लोगों ने घर में रखा सारा सामान ऊपरी मंजिलों पर पहुंचाना शुरू कर दिया है। इसके साथ ही किनारे रहने वाले लोगों ने परिवार भी हटा दिए हैं। अगले दो दिनों में पानी रिहायशी इलाकों में घुस जाने की आशंका है।

नालों के बैकफ्लो ने बढ़ाई परेशानी

गंगा और वरुणा में बहने वाले नालों के रास्ते पानी रिहायशी इलाकों में घुस रहा है। नक्खीघाट के पास तेलियाना, पुराना पुल, कोनिया आदि इलाकों में कई मकान बाढ़ के पानी की जद में आ चुके हैं। सरैया में वरुणा किनारे के तमाम मकानों में भी पानी घुसने लगा है। यही हाल सामने घाट क्षेत्र का भी है। गंगा में गिरने वाला नाला अब कॉलोनियों तक बाढ़ के पानी का रास्ता बना रहा है।

रामनगर के लोगों ने समेटी गृहस्थी

रामनगर में तटवर्ती गांवों सूजाबाद, बहादुरपुर, डोमरी, कटेसर, सेमरा आदि में भी ग्रामीणों ने गृहस्थी समेट ली है। लोग आसपास रहने वाले रिश्तेदारों के यहां शरण ले रहे हैं। इन गांवों में पुलिस और एनडीआरएफ के जवानों को भी अलर्ट मोड पर रखा गया है।

जहरीले जंतुओं से भी खतरा

तटवर्ती इलाकों में बाढ़ का पानी घुसने के चलते जहरीले जीव-जंतुओं से भी खतरा बढ़ गया है। प्रशासन ने इन्हें लेकर भी अलर्ट जारी किया है। साथ ही आसपास के प्राथमिक और सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्रों को भी एंटी वेनम और वैक्सीन तैयार रखने के निर्देश दिए गए हैं।

खतरे के स्तर से पांच मीटर नीचे गंगा

केंद्रीय जल आयोग के आंकड़ों की मानें तो गंगा का जलस्तर खतरे के बिंदु से लगभग पांच मीटर नीचे है। पिछले सात दिनों में गंगा का जलस्तर एक मीटर प्रतिदिन के हिसाब से 7 मीटर से ज्यादा बढ़ चुका है। अभी अगले कुछ दिनों तक पानी बढ़ने का अनुमान है। अंदेशा जताया जा रहा है कि गंगा जल्द ही चेतावनी बिंदु पर पहुंच जाएंगी।

ऐसे बढ़ा गंगा का जलस्तर

23 जुलाई - 58.64 मीटर

24 जुलाई - 59.44 मीटर

25 जुलाई - 60.47 मीटर

26 जुलाई - 60.83 मीटर

27 जुलाई - 61.27 मीटर

28 जुलाई - 62.97 मीटर

29 जुलाई - 64.62 मीटर

30 जुलाई - 65.70 मीटर

बयान

गंगा के पानी का तेजी से बढ़ाव देखते हुए एनडीआरएफ की तीन टीमों को अस्सी, दशाश्वमेध और राजघाट पर तैनात किया गया है। हर टीम में 20 जवान, चार गोताखोर और दो बोट हैं। एनडीआरएफ की पांच टीमों को रिजर्व में रखा गया है।

आलोक कुमार सिंह, कमांडेंट एनडीआरएफ