-कार्यदायी संस्था को ढूंढे नहीं मिल रहे मजदूर, काम चल रहा धीमा

- नमामि गंगे प्रोजेक्ट के तहत 26 गंगा घाटों का कराया जाना है रिनोवेशन

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VARANASI

काशी के जर्जर गंगा घाटों की मरम्मत कछुआ चाल से चल रही है। प्रभु घाट से शुरू हुए काम को पखवारे भर से अधिक समय बीत गया है। लेकिन यहां अभी तक चौके उखाड़ने और गढ्डों में गिट्टियां भरने का ही काम चल रहा है। कार्यदायी संस्था को मजदूर ढूंढे नहीं मिल रहे हैं। विभाग तेज धूप का बहाना कर रहा है। लेकिन हकीकत यह है कि ठेकेदार के कम मजदूरी देने से कोई काम करने को तैयार नहीं हो रहा है। मंगलवार को दैनिक जागरण आई नेक्स्ट की टीम को मौके पर महज पांच मजदूर ही काम करते मिले। इससे तय समय एक साल में 26 घाटों के रिनोवेशन होने के आसार नजर नहीं आ रहे हैं। जबकि इसमें प्रभु घाट, भदैनी घाट व आनंदमयी घाट के सुंदरीकरण का काम 31 मई तक ही पूरा करना है। ऐसे में इन घाटों की मरम्मत तय समय में कैसे होगी? इसको लेकर सवाल भी उठने लगा है।

अब मैन पावर की बाधा

केन्द्र सरकार की फ्लैगशिप योजनाओं में शुमार नमामि गंगे प्रोजेक्ट के तहत गंगा के 26 घाटों का सुदृढ़ीकरण और सुंदरीकरण होना है। इसकी लागत 10.76 करोड़ रुपये है। एक साल में सभी घाटों का काम पूरा होना है। इसकी फंडिंग का जिम्मा जापान इंटरनेशनल को-ऑपरेशन एजेंसी (जायका) को दिया गया है। इसमें कुछ घाट तो पूरी तरह से कच्चे हैं। जबकि शेष घाटों पर कुछ पक्का निर्माण हुआ है। फरवरी से शुरू होने वाले इस प्रोजेक्ट में पहले तो किसी कम्पनी ने रुचि नहीं ली। अब नई दिल्ली की कम्पनी एसएंडपी को जिम्मेदारी दी गई है तो मैनपावर बाधा बन रहा है।

इन घाटों को मिलेगी मजबूती

नगर निगम के अधिशासी अभियंता व नमामि गंगे परियोजना के नोडल अफसर लोकेश जैन ने बताया कि प्रभु घाट, भदैनी घाट, जानकी घाट, आनंदमयी घाट, बद्रीनारायन घाट, गोलाघाट, त्रिलोचन घाट, नया घाट, रामघाट, निषादराज घाट, गाय घाट, बुंदी परकोटा घाट, मानसरोवर घाट, जैन घाट, संकठा घाट, पांडेय घाट, लाल घाट, केदार घाट, चौकी घाट, जटार घाट, सक्का घाट, तेलिया नाला घाट, राजा ग्वालियर घाट, नारद घाट, शीतला घाट और नंदेश्वर घाट का सुदृढ़ीकरण होगा।

बॉक्स

आई नेक्स्ट ने उठाए थे सवाल

दरकते घाटों पर दैनिक जागरण आई नेक्स्ट ने सबसे पहले सवाल उठाए थे। मोदी-मैक्रों की विजिट से पहले 7 मार्च के अंक में स्पेशल पैकेज 'साहब, इन पर कैसे डालेंगे पर्दा' के जरिए घाटों की बदहाली पर सवाल उठाया गया था। प्रभु घाट के क्षतिग्रस्त हुए हिस्सों को तब मोदी-मैक्रों की नजर से छिपाने के लिए प्रशासन ने उस पर कारपेट डलवा दी थी।

होंगे ये काम

- बोल्डर स्पिनिंग

- घाटों पर एप्रन निर्माण

- रिटेनिंग वॉल बनेगा

- सीढि़यों के नीचे बेस स्कारिंग

- घाटों के भीतर जाली लगेगी

- घाटों की बदल जाएगी सूरत

- कटाव से हो सकेगा बचाव

एक नजर

84

घाट हैं गंगा किनारे

26

घाटों का होना है सुंदरीकरण

10.76

करोड़ रुपये है लागत

01

साल में पूरा होना है काम

तेज धूप की वजह से मजदूर मिलने में दिक्कत आ रही है। रा मैटीरियल भी राजघाट से नाव के सहारे लाना पड़ रहा है। इससे समय ज्यादा लग रहा है। कम मजदूरी देने की बात गलत है। कुछ दिन में काम सुचारु हो जाएगा।

लोकेश जैन, नोडल ऑफिसर, नमामि गंगे परियोजना