Last year नष्ट कराया था सामान

सिटी में लगने वाले माघ और कुंभ मेले में लाखों-करोड़ों की संख्या में श्रद्धालु आते हैं। महीनों चलने वाले मेले में सैकड़ों की संख्या में खानपान की दुकानें भी लगाई जाती हैं। इनके स्टैंडर्ड और क्वालिटी को बरकरार रखने के लिए साल दर साल फूड इंस्पेक्टर्स की ड्यूटी लगाई जाती है, जो शिकायत मिलने या खुद से दुकानों की जांच कर खराब चीजों को नष्ट कराते हैं। लास्ट ईयर क्विंटलों फल, सब्जी और मिठाइयां मेले से बरामद कर नष्ट कराई गई थीं। अगर यह पब्लिक तक पहुंच जातीं तो अनहोनी हो सकती थी। सबसे ज्यादा मौसमी अमरूद और शीरे वाली मिठाइयां खराब पाई गई थीं। इसके अलावा बड़ी संख्या में सैंपल फेल होने से मिलावट का मामला भी सामने आया था।

खतरनाक है ये अनदेखी

इस बार फूड इंस्पेक्टर्स की ड्यूटी मेले में लगाए जाने के बजाय सिटी में बने आश्रय स्थलों में लगा दी गई है। यह लोग यहां पर आने वाले श्रद्धालुओं को ठहराने की व्यवस्था कर रहे हैं। जबकि, असलियत तो यह है कि इन शेल्टर्स पर दिनभर में इक्का-दुक्का लोग ही आते हैं। वहीं मेले की व्यवस्था भगवान भरोसे छोड़ दी गई है। फूड एंड ड्रग कंट्रोल डिपार्टमेंट के पास इस समय कुल सात फूड इंस्पेक्टर्स हैं और सभी आश्रय स्थलों पर तैनात हैं। जबकि इन जगहों पर किसी और की ड्यूटी भी लगाई जा सकती थी।

बिना sampling  के बंट रहीं दवाएं

मेला प्रशासन की मनमानी केवल खाने-पीने की चीजों में नहीं बल्कि दवाओं के मामले में भी जारी है। लास्ट ईयर मेले में सप्लाई होने वाली दवाओं की भी सैंपलिंग कराई गई थी, ताकि हॉस्पिटल आने वाले श्रद्धालुओं का सही इलाज हो सके। इस बार यह प्रॉसेस भी ठप पड़ी है। डिस्ट्रिक्ट में केवल एक ड्रग इंस्पेक्टर है और उसे भी फूड इंस्पेक्टर की तरह आश्रय स्थल पर ही तैनात किया गया है। मेले में लाखों रुपए की दवाओं की सप्लाई हेल्थ डिपार्टमेंट द्वारा कराई जाती है। जो कंपनियां ये दवाएं भेजती हैं उनको पब्लिक को न देकर पहले सैंपलिंग की जाती है। ड्रग इंस्पेक्टर के नहीं होने से इस बार ऐसा नहीं हो पाया है।

जमकर खपाते हैं खराब सामान

सिटी में लगने वाला माघ मेला जनवरी से शुरू होकर फरवरी इंड तक चलता है। इस दौरान यहां जबरदस्त रश होता है और दूर-दराज से आने वाले श्रद्धालु जमकर खरीदारी भी करते हैं। मेले में दर्जनों की संख्या में खानपान के स्टाल लगाए जाते हैं और इन पर भी जोरदार भीड़ होती है। इन पर मिलावटखोरों की पैनी नजर होती है और मेले की आड़ में सड़ा-गला और मिलावटी माल खपाने में जरा भी देरी नहीं करते हैं।

मेले में बिकने वाली खानपान की चीजों की सैंपलिंग के बारे में मुझे कुछ नहीं पता है। फूड इंस्पेक्टर्स की ड्यूटी आश्रय स्थलों पर लगाई गई है। हम यहां आने वाले श्रद्धालुओं के ठहरने का इंतजाम कर रहे हैं।

हरिमोहन श्रीवास्तव,

डीओ, फूड सेफ्टी एंड ड्रग कंट्रोल डिपार्टमेंट

मेले में दी जाने वाली दवाओं की सैंपलिंग का आदेश अभी तक मुझे नहीं मिला है। फिलहाल मैं सिटी के एक आश्रय स्थल पर ड्यूटी कर रहा हूं।

एसके चौरसिया,

ड्रग इंस्पेक्टर