गंगा ने cross किया danger level, गृहस्थी डूबने से हाहाकार

घरों से पलायन, आश्रय स्थलों में जगह पाने की लगी होड़

प्रशासन बाढ़ पीडि़तों की मदद में जुटा, सेना व कई संगठन साथ

ALLAHABAD: उफनाई नदियों ने शुक्रवार को बाढ़ की मर्यादा तोड़ दी। गंगा का पानी खतरे के निशान से ऊपर बहने लगा। बाढ़ की विनाशलीला से निचले इलाके में बसा शहर सुबक उठा। गृहस्थी लबालब पानी में डूब जाने से पीडि़तों का रेला आंखों में आंसू लेकर आश्रय स्थलों के लिए निकल पड़ा। इसके साथ ही गुरुवार से रेस्क्यू अभियान में जुटे प्रशासन की जद्दोजहद भी बढ़ गयी। पीडि़तों को बाढ़ से निकालने, उनको सुरक्षित जगह ठहराने व उनके लिए भोजन के इंतजाम का सिलसिला दिनभर चलता रहा। डीएम सहित कई अधिकारी बाढ़ग्रस्त इलाकों का दौरा करते रहे।

सुबह ही danger level पार

गंगा ने शुक्रवार सुबह दस बजे ही डेंजर लेवल 84.73 मीटर क्रॉस कर दिया। इसके साथ ही नदी का पानी बघाड़ा, गोविंदपुर, दारागंज, ढरहरिया, करेली आदि निचले इलाकों के गली-कूचों में प्रवेश कर गया। बाढ़ का यह रुख देख लोगों के रोंगटे खड़े हो गए। लोगों ने पलायन करना शुरू कर दिया। सिचाई विभाग के अधिकारियों का कहना है कि गंगा का जलस्तर बढ़ रहा है लेकिन फैलाव अधिक हो जाने की वजह से इसका अंदाजा लगाना मुश्किल हो रहा है। जलस्तर बढ़ने की गति एक सेमी प्रति घंटे कम हुई है, लेकिन भविष्य में भी गंगा-यमुना का जलस्तर बढ़ने की पूरी उम्मीद है।

टोंस नदी घटी तो मिलेगी राहत

मेजा एरिया में टोंस नदी के अधिक उफना जाने से शहर को बाढ़ से राहत मिलने में दिक्कतें पेश आ रही है। सिचाई विभाग का कहना है कि टोंस में उफान आने से गंगा के पानी को आगे बढ़ने में दिक्कत हो रही है जिसकी वजह से बैकफ्लो की स्थिति पैदा हो रही है। दूसरी ओर यमुना में लगातार केन और बेतवा का पानी छोड़े जाने से भी गंगा में उफान बना हुआ है। यही कारण है कि नदी का पानी रिहायशी इलाकों में घुस रहा है। टोंस और यमुना का दबाव कम होते ही शहर के लोगों को बाढ़ से राहत मिलने लगेगी।

चौबीस घंटे में बढ़ा 33 सेमी।

शुक्रवार शाम चार बजे तक गंगा का जलस्तर बढ़कर 84.81 मीटर पर पहुंच चुका था। जबकि, यमुना का जलस्तर 84.60 मीटर दर्ज किया गया। इस तरह से पिछले चौबीस घंटों में गंगा में 33 सेमी और यमुना में 27 सेमी की बढ़त दर्ज की गई। उधर, गंगा के पानी के नए यमुना पुल की दीवार से टकरा जाने से भी अफसरों की चिंता बढ़ गई है। शाम तक गंगा में एक सेमी प्रति घंटे की बढ़त दर्ज की गई।

बाढ़ में समा चुकी हैं 45 नाव

संगम के किनारे बोट लगाए नाविकों ने बताया कि बाढ़ की गंगा में 45 नाव डूब चुकी हैं। इस रहस्योद्घाटन से प्रशासनिक एहतियात की कलई खुल गई है। जाहिर हो गया कि किस गुणवत्ता की नावों को संगम में चलने की अनुमति प्रशासन ने दे रखी है। इसके साथ ही श्रद्धालुओं की सुरक्षा पर प्रश्न चिन्ह लग गया है। भगवान का शुक्र है इन नावों पर श्रद्धालु मौजूद नहीं था, वर्ना बड़ी अनहोनी हो जाती। विडंबना यह कि इस बात से प्रशासन अनजान बन रहा है वो भी तब जब संगम स्थित बड़े हनुमान मंदिर का काफी हिस्सा जलमग्न हो चुका है, इसके चलते यहां लगातार भक्तों की भीड़ जुट रही है।