- हरनाल एस्केप से प्रयोग के लिए छोड़ा पानी तो सुधरा हाल

- अब वृंदावन के करीब से मिलाया जाएगा 500 क्यूसेक गंगाजल

वृंदावन: घाटों पर आंसू बहा रही यमुना के भी अच् अच्छे दिन आने की उम्मीद है। वृंदावन के घाटों के सुंदरीकरण को फिक्रमंद प्रदेश सरकार यमुना को भी कलकल बहाने को प्रयासरत है। इसके लिए वृंदावन के पास ही यमुना में 500 क्यूसेक गंगाजल अतिरिक्त छोड़ा जाएगा। प्रयोग सफल होने के बाद अब इस प्रक्रिया को निरंतर किया जा रहा है। इसका लाभ गोकुल, मथुरा और आगरा तक को मिलेगा।

ब्रज में पावन मानी जाने वाली यमुना यहां भी बुरे हाल में बह रही है। हथिनीकुंड से पूरा प्रवाह मुक्त कराने को संत जन आंदोलन कर रहे हैँ, लेकिन अभी सफलता नहीं मिली है। दिल्ली, हरियाणा के नालों से प्रदूषित यमुना की गंदगी को कुछ कम करने के लिए सुप्रीम कोर्ट के आदेश पर मांट ब्रांच के हरनाल एस्केप से 150 क्यूसेक पानी छोड़े जाने के आदेश हैं, लेकिन इसकी मात्रा हमेशा कम ही रहती है। अब प्रदेश सरकार लगातार यमुना और यमुना के घाटों की स्थिति सुधारने पर जोर दे रही है। इसके लिए अब पांच सौ क्यूसेक अतिरिक्त गंगाजल यमुना को दिया जा रहा है।

शुक्रवार को वृंदावन आए जिलाधिकारी राजेश कुमार ने बोतल में पानी भरवा कर देखा। इसके बाद उन्होंने बताया कि यमुना की स्थिति सुधारने के लिए गंगाजल की मात्रा बढ़ाना जरूरी है। सरकार ने पांच सौ क्यूसेक गंगाजल अतिरिक्त दे दिया है। अभी हमने प्रयोग के तौर पर मांट ब्रांच के हरनाल एस्केप से ही पांच सौ क्यूसेक गंगाजल प्रयोग के तौर पर छुड़वाया। यह पानी वृंदावन पहुंच चुका है। इसका असर साफ नजर आया है। पानी की मात्रा बढ़ने के साथ ही पहले की तुलना में गुणवत्ता भी सुधरी है। उन्होंने बताया कि हम यह देखना चाहते थे कि वृंदावन के कितने पास से गंगाजल मिलाया जाए तो फायदेमंद होगा। हरनाल एस्केप ठीक है, लेकिन अभी ¨सचाई विभाग से बातचीत कर प्रयास किया जाएगा कि वृंदावन के और निकट से पानी छोड़ा जाए। इसका लाभ गोकुल बैराज पर अधिक पानी के रूप में मिलेगा। माना जा रहा है कि पांच सौ क्यूसेक अतिरिक्त गंगाजल से न सिर्फ वृंदावन, बल्कि गोकुल, मथुरा और आगरीा तक यमुना की स्थिति में सुधार आए। जिलाधिकारी ने आश्वस्त किया है कि अब यह पांच सौ क्यूसेक डिस्चार्ज निरंतर जारी रहेगा।