कचहरी में उस समय खलबली फैल गई, जब पेशी पर आए तीन बंदियों में एक बंदी पुलिस वालों की आंखों में मिर्च झोंककर फरार हो गया। शुक्र रहा कि साथ में मौजूद दो अन्य बंदियों ने भागने की कोशिश नहीं की। घटना के बाद पूरी कचहरी में अफरातफरी का माहौल हो गया। मौके पर पहुंची पुलिस और अधिकारियों ने घटना के बारे में जानकारी ली। इसके बाद पुलिसकर्मियों को सिविल लाइन थाने लाया गया, जहां पूछताछ के बाद फरार बंदी और सिपाहियों के खिलाफ मुकदमा कायम किया गया. 

पेशी पर आए थे बंदी
जिला कारागार के बंदियों को लेकर गाड़ी सुबह कचहरी पहुंची थी, जहां पुलिस लाइन से ड्यूटी पर आए दो सिपाही महिपाल और रणवीर तीन बंदियों को लेकर सीजेएम कोर्ट में गए थे। इन तीनों बंदियों में परतापुर का सोनू पुत्र कालीचरण, टंकी मोहल्ला श्रद्धापुरी कंकरखेड़ा का मंगल सिंह पुत्र धर्मवीर और टीकरी थाना दोघट बागपत का नितिन राठी पुत्र भोपाल राठी शामिल थे। सोनू की पेशी स्पेशल सीजेएम के यहां थी और मंगल व नितिन की पेशी सीजेएम के यहां थी.

आंखों में मिर्च डालकर एक फरार
पेशी के बाद तीनों बंदियों को दोनों पुलिस वाले हथकड़ी लगाकर चौधरी चरण सिंह बिल्डिंग में लेकर गए। वहां चैंबर के ऊपर छत पर इन बंदियों ने खाना खाया था। वहीं सोनू के परिजन भी मिलने आए थे जैसे ही ये दोनों सिपाही इन तीनों बंदियों को नीचे उतारकर ले जाने लगे तभी सोनू ने हाथ में ली हुई मिर्चें दोनों सिपाहियों की आंखों में डाल दीं। मिर्चें झोंककर सोनू और नितिन भाग निकले। सोनू भागने में कामयाब हो गया, लेकिन नितिन राठी को वकीलों ने शोर सुनकर भागते हुए दबोच लिया.

कचहरी में खलबली

इस घटना के बाद बिल्डिंग में शोर शराबा हो गया। सोनू की फरारी के बाद सूचना मिलते ही पुलिस अधिकारी और थाना पुलिस मौके पर पहुंच गए, जहां काफी देर तक पहले सिपाहियों की आंखों को धुलवाया गया। इसके बाद नितिन और मंगल को कस्टडी में लेकर हवालात में बंद कर दिया गया, फिर पुलिस वालों से पूछताछ शुरू हुई। पुलिस वालों का कहना है कि सोनू ने मिर्ची डाली और वह हथकड़ी से हाथ निकालकर फरार हो गया। नितिन भी भागने की फिराक में था, लेकिन उसको पकड़ लिया गया, जहां खींचातानी में सिपाहियों को चोटें भी आईं.

सिपाहियों के खिलाफ कार्रवाई
सोनू परतापुर का एक शातिर अपराधी है, जिस पर हत्या के मुकदमे समेत लगभग 15 केस हैं। लूट और डकैती का इसका अपना गैंग है। इसका भाई मोनू और बहन परमिता भी क्रिमिनल हैं। सोनू की बहन एक कत्ल के जुर्म में जेल गई थी, जो जमानत पर बाहर है। परतापुर में एक कत्ल के मामले में सोनू पर पांच हजार का ईनाम भी रहा है। सोनू एक शातिर अपराधी है। जिसकी फरारी कोई बड़ी वारदात को अंजाम देने के लिए हो सकती है। फिलहाल दोनों सिपाहियों की ओर से फरार सोनू पर मुकदमा दर्ज कराया गया है। विभागीय कार्रवाई के चलते दोनों सिपाहियों को सस्पेंड करके इनके खिलाफ भी मुकदमा दर्ज किया गया है.

"सोनू शातिर अपराधी है, जिस पर लूट और हत्या के पंद्रह से अधिक मुकदमे हैं। इस पर एक कत्ल में पांच हजार रुपए का ईनाम भी रहा था, जिसकी बहन भी क्रिमिनल है जो फिलहाल बाहर है। दोनों सिपाहियों को सस्पेंड कर दिया गया और इनके खिलाफ भी मुकदमा दर्ज किया गया है। एक बंदी नितिन भी भागने की फिराक में था। जिससे पूछताछ के आधार पर केस दर्ज किया जाएगा."
- विकासचंद त्रिपाठी, सीओ सिविल लाइंस