- शानू बॉस, शानू ओलंगा और अब शानू बादशाह की हत्या, लेकिन अब किस शानू का है नंबर

- शानू बादशाह की हत्या के बाद बढ़ गई आईएस-273 यानी डी-2 गैंग की धाक

- शानू ईगल, शानू कंटर हैं गैंग के नए शूटर्स

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KANPUR: शानू बादशाह शहर के अंडरव‌र्ल्ड का तीसरा ऐसा नाम है, जिसे मौत के घाट उतार दिया गया। इससे पहले दो और शानू यानी शानू बॉस और शानू ओलंगा की भी चार साल पहले मौत हो चुकी है। ये दोनों ही डी-ख् गैंग के शार्प शूटर्स थे। शानू बादशाह की हत्या में कभी उसके साथी रहे सबलू, कालू कार्लोस और शाहिद पिच्चा का नाम आया है, लेकिन इन्हीं के साथ पिच्चा के दो और साथी या ये कहे कि शूटर्स शानू ईगल और शानू कंटर भी बादशाह की हत्या में आरोपी हैं। सवाल यह भी उठता है कि शानू बादशाह की हत्या से आखिर फायदा किसे हुआ। जो गैंग अब रियल इस्टेट में काम करके लाखों करोड़ों का खेल कर रहा हो, वह कुछ हजार रुपए के जुएं के झगड़े में बादशाह की हत्या क्यों करेगा। इस हत्या के बाद एक सवाल यह भी है कि आखिर अब आईएस-ख्7फ् यानी डी-ख् गैंग को कौन चला रहा है। गैंग की कमान जेल में बंद लोगों के पास है या फिर शाहिद पिच्चा, टायसन के संरक्षण में यह गैंग ऑपरेट हो रहा है?

तो क्या फिर होगी शानू की हत्या?

शहर के अंडरव‌र्ल्ड में जिन तीन 'शानू' के नाम की तूती बोलती थी। उनकी एक के बाद एक हत्या और एनकाउंटर हो गया, लेकिन अभी कई और शानू हैं, जिनका नाम शानू बादशाह की हत्या के बाद से बड़ा हो गया है। जी हां, ये नाम हैं शानू ईगल और शानू कंटर । शानू ईगल रेलबाजार का रहने वाला है उस पर गुंडा एक्ट समेत कई मामले दर्ज हैं। वहीं शानू कंटर का अभी किसी बड़ी अपराधिक वारदात में नाम सामने नहीं आया है। पुलिस भी यही मानती है कि ये दोनों शाहिद पिच्चा के दो हाथ हैं। बादशाह की हत्या जिस तरह से उसके इलाके में हुई और जिस तरह से दोनों का नाम सामने आया है। उसने इनके गैंग में भी इनकी हैसियत को बढ़ा दिया है। शानू बादशाह की हत्या की वजह मुखबिरी हो या रियल इस्टेट के कारोबार का झगड़ा, लेकिन हीरामनपुरवा इलाके में अब गैंगवार के पूरे आसार बन गए हैं ऐसे में अगर गैंगवार होता है तो मरने वाला कोई शानू होगा या कोई और ये देखने वाली बात होगी।

जरायम की सल्तनत में अब जमीन का हिस्सा

दरअसल शहर में अंडरव‌र्ल्ड अब अपने पारंपरिक चरस, स्मैक की बिक्री, रंगदारी, भाड़े पर हत्या कराने के लिए नहीं जाना जा रहा है। बल्कि इसकी जगह अब जमीन और रियल इस्टेट के कारोबार ने ले ली है। चमनगंज, कर्नलगंज, बेकनगंज, अनवरगंज और बजरिया थाना क्षेत्रों के घनी आबादी वाले मोहल्लों में मकान खाली करा कर उस पर अपार्टमेंट बनाने का काम जोरों पर है। इन इलाकों में बीते भ् सालों में ही सैकड़ों ऐसे अपार्टमेंट बन कर खड़े हो गए हैं। इनमें से ज्यादातर में इन्हीं गैंगों के मेंबर्स का नाम सामने आया है। किरायेदारों से भरे मकानों को बेहद सस्ते दामों पर खरीद कर उन्हें जबरिया या थोड़ा पैसा देकर खाली कराने का ठेका ये गैंगस्टर ही लेते हैं और मकान खाली होने पर उसे मोटी रकम में बेच दिया जाता है। इसके बाद इन पर अपार्टमेंट बना कर बेचा जाता है। शानू बादशाह की हत्या की एक वजह प्रॉपर्टी का विवाद भी था।

तो अब कौन चला रहा है डी-ख् गैंग

शानू बादशाह की हत्या में जिन गैंगस्टर्स का नाम सामने आया है, उसमें से ज्यादातर डी-ख् गैंग के सदस्य हैं या रह चुके हैं। शाहिद पिच्चा, सबलू तब से इस गैंग से जुड़े हुए हैं, जब मोनू पहाड़ी उस गैंग में था। वहीं सबलू के साथ ही रहने वाले शानू ईगल और शानू कंटर उनके गैंग के नए सदस्य हैं या ये कहें कि शूटर्स हैं। रईस बनारसी जेल में है। टायसन भी पुलिस की मुखबिरी व अपने रियल इस्टेट के कारोबार में जुड़ा है। ऐसे में पुलिस के सामने बड़ा सवाल ये है कि आखिर इस गैंग को कौन ऑपरेट कर रहा है। शानू बादशाह की हत्या के बाद यह भी साफ है कि इस कुख्यात गैंग की मूवमेंट शहर में शुरू हो चुकी है।

शानू बाॅस-

ईनाम - भ्0 हजार

मौत - फ्क् जनवरी ख्0क्क् को एसटीएफ के एनकाउंटर में

गैंग- आईएस ख्7फ् का श्ार्पशूटर

गैंग के साथी- मोनू पहाड़ी, शाहिद पिच्चा और शबलू

इन थानाें में मामले- अनवरगंज सर्किल, सीसामऊ सर्किल, कलक्टरगंज सर्किल और कोतवाली सर्किल, हत्या के भ् मामले, इसके अलावा लूट, रंगदारी, हत्या के प्रयास

शानू ओलंगा-

मौत- फ्0 नवंबर ख्0क्क्

गैंग- आईएस ख्7फ् का शूटर

गैंग के साथी - शानू बॉस, शाहिद पिच्चा,

हत्या की वजह- शानू ओलंगा की हत्या वीआईपी रोड पर एसएसपी आफिस के पास दिनदहाड़े की गई थी। हत्या में मोनू पहाड़ी, शरीफ ढपाली और रईस बनारसी पर मुकदमा हुआ था। ओलंगा के हत्या की वजह उसके एसटीएफ का मुखबिर होना बताया गया था। जिसकी वजह से उसके गैंग के साथी ही उसके दुश्मन बन गए थे।

आपराध्िाक इतिहास- शानू ओलंगा पर मर्डर के ब् मामले दर्ज थे इसके अलावा अनवरगंज, सीसामऊ और कोतवाली सर्किल के थानों में भी उसके ऊपर हत्या के प्रयास, लूट, रंगदारी के दर्जनों मामले थे। ख्009 में चमनगंज में फैसल इस्तियाक हत्याकांड को शानू बॉस और शानू ओलंगा ने साथ मिल कर अंजाम दिया था।