निगम की नाला सफाई से सड़क किनारे लगा सिल्ट का ढेर

Meerut. बरसात से पहले एक बार फिर नगर निगम शहर को जलभराव की समस्या से बचाने के लिए शहर के छोटे और बडे सभी बडे़ नालों की सफाई के काम में जुट गया है. निगम की प्लानिंग के अनुसार पहले शहर के बडे़ नालों के साथ प्रमुख सड़कों के छोटे नालों को साफ किया जा रहा है लेकिन एक बार फिर निगम की नाला सफाई की अधूरी प्रक्रिया शहर वासियों के लिए आफत बन गई है. निगम नाला साफ करने के बाद सिल्ट को सड़क पर छोड़ देता है जिससे नाले की गंदगी कई कई दिनों तक सड़क पर सजी रहती है और आसपास से गुजरने वालों के लिए यह गंदगी परेशानी का सबब बन रही है.

सड़क पर सज रही नालों की सिल्ट

निगम ने शनिवार से शहर के नालों की सफाई का अभियान शुरु किया है. जिसके तहत आबू नाला, ओडियन नाला और कमेला नाला की सफाई प्राथमिकता पर कराई जा रही है. स्थिति यह है कि जेसीबी से नालों की सिल्ट को निकालकर सड़क किनारे ढेर लगाया जा रहा है. इस गंदगी के साथ नाले के गंदा पानी भी बाहर सड़क पर आ जाता है जिससे नाले की गंदगी के साथ गंदा पानी आसपास के इलाके में फैल रहा है. गंदे पानी के कारण राहगीरों समेत आसपास के छोटे व्यापारियों तक को परेशानी हो रही है. लेकिन निगम इस सिल्ट को उठाने में तत्परता नही दिखाता.

नालों की सिल्ट बनेगी मुसीबत

गत वर्ष निगम ने बरसात से पहले शहर के नालों की सफाई को जोरो शोरो से शुरु किया था. इसके तहत सिल्ट को निकाला गया था लेकिन बरसात होने के कारण दोबारा नाले में सिल्ट वापस भर गई. निगम द्वारा नालों के किनारे बाउंड्री वॉल भी बनाई गई थी लेकिन इसके बाद भी बरसात में यह योजना फ्लॉप हो गई. अब निगम दोबारा इस साल शहर के नालों की सफाई में तो जुट गया है लेकिन सिल्ट उठाने की योजना नही है. इस योजना के तहत सूरजकुंड, फूलबाग, मोहनपुरी, आरटीओ रोड, ओडियन नाला, जागृति विहार, सुभाषनगर, थापरनगर नाला आदि शामिल है.

नालों की सफाई के डेली प्लान तैयार किया गया है. सिल्ट को भी तुरंत उठाया जा रहा है, लेकिन अत्याधिक सिल्ट होने के कारण समय लगता है.

गजेंद्र सिंह, नगर स्वास्थ्य अधिकारी