- 18 कर्मचारियों के निलंबन के विरोध में गीता प्रेस के कर्मचारी सड़क पर

- गीता प्रेस से पैदल रैली लेकर पहुंचे श्रमायुक्त कार्यालय

 

GORAKHPUR: डिमांड्स को लेकर गीता प्रेस के सैकड़ों कर्मचारी जुलूस के रूप में मंडे को शहर की सड़कों पर उतर आए। सुबह 10 बजे गीता प्रेस के सामने जुलूस के रूप में कतारबद्ध सैकड़ों कर्मचारी पैदल मार्च करते हुए 11.30 बजे उप श्रमायुक्त कार्यालय पहुंचे। वहां कर्मचारियों ने गीता प्रेस प्रबंधन के खिलाफ जमकर नारे बाजी की। उनकी नारेबाजी सुनकर उप श्रमायुक्त ने पांच सदस्यीय प्रतिनिधिमंडल को बुलाकर वार्ता की। उप श्रमायुक्त ने आश्वासन दिया कि तीन से चार दिन में गीता प्रेस प्रबंधन और कर्मचारियों को बुलाकर मीटिंग की जाएगी और दोनों के बीच इस बार लिखित रजिस्टर्ड समझौता कराया जाएगा।

पैदल चलकर पहुंचे उपश्रमायुक्त कार्यालय

पिछले एक साल से गीता प्रेस प्रबंधन और कर्मचारियों के बीच तनातनी चल रही है। कर्मचारी अपनी मांगों को लेकर हर माह हंगामा शुरू कर देते हैं। कर्मचारियों की मांग है कि उनको प्रॉपर वेतन मिले, काम के घंटे निर्धारित हों समेत अन्य सुविधाएं दी जाए। फ्राइडे को वेतन कम बढ़ने पर गीता प्रेस में हुए हंगामा और उसके दूसरे दिन 18 कर्मचारियों के निलंबन से बौखलाए कर्मचारियों ने श्रमायुक्त से शिकायत करना मुनासिब समझा। इस दौरान उन्होंने निलंबित हुए 18 कर्मचारियों की बहाली, पूर्व में किए वादे के अनुसार वेतन बढ़ोतरी और कार्य के समय का निर्धारण जैसे प्रमुख मांगों को उप श्रमायुक्त के सामने रखी।

 

दोनों पक्षों को जल्द से जल्द बुलाकर मीटिंग की जाएगी और लिखित समझौता कराया जाएगा। यह समझौता रजिस्टर्ड होगा, जिसे दोनों पक्षों को मानने के लिए बाध्य होंगे।

यूपी सिंह, उपश्रमायुक्त

 

कहीं भी हिंसक माहौल हो वहां समझौते की बात कैसे संभव हो सकता है। गीता प्रेस के कर्मचारी पूरी तरह से हिंसक हो चुके है। मैनेजमेंट अगर वार्ता करने की कोशिश करता है तो वह मारपीट पर उतर जा रहे हैं। ऐसे में उनसे वार्ता संभव नहीं है।

मेघ सिंह चौहान, सहायक प्रबंधक, गीताप्रेस

 

हमारी बात जब गीता प्रेस प्रबंधन सुनने से मना कर दिया है तो हमारे पास प्रशासन ही केवल विकल्प बचा है। इसलिए हम उप श्रमायुक्त कार्यालय पर अपनी मांग को लेकर गए थे। उप श्रमायुक्त से मिलकर हम लोगों ने अपनी बात रखी है।

मुनिवर मिश्रा, निलंबित, कर्मचारी