-उलझ रहा गीता प्रेस विवाद

-गीता प्रेस पर लटका ताला, विरोध में उतरे कर्मचारी

-ट्रस्टी और कर्मचारियों के बीच नहीं सुलझ रहा विवाद

GORAKHPUR: गीता प्रेस का विवाद खत्म होने के बजाए बढ़ता जा रहा है। मंडे को जहां गीता प्रेस के कर्मचारियों ने परिसर में रिसीवर बैठाने के साथ समान व्यवहार और अधिकार की मांग की थी, वहीं ट्यूज्डे को प्रेस के ट्रस्टी ने प्रेस में ताला बंद करा दिया। साथ ही प्रदर्शन कर रहे तीन कर्मचारियों को बर्खास्त कर दिया। ट्रस्टी के इस रवैये से नाराज करीब म्00 से अधिक कर्मचारियों ने ट्यूज्डे को एक बार फिर सड़क पर उतर कर प्रदर्शन किया। माथे पर चंदन का टीका लगाकर पूजा करने के बाद विरोध प्रदर्शन शुरू किया। माहौल की गंभीरता को देखते हुए पुलिस फोर्स मौके पर पहुंच गई। नाराज कर्मचारियों ने डीएम से गीता प्रेस का ताला खुलवाने के साथ बर्खास्त कर्मचारियों को बहाल करने की मांग की। गीता प्रेस विश्व में एक स्थान रखता है। जिसके कारण गोरखपुर को पूरे विश्व में जाना जाता है। वहां के कर्मचारियों के साथ ऐसी अनदेखी हो रही है। श्रम विभाग के नियमों का खुला उल्लंघन हो रहा है। इसके बावजूद प्रशासन पूरे मामले से अनजान बना हुआ है। मार्कण्डेय प्रसाद सिंह ने ट्रस्टी के ताला बंदी करने की घोर निंदा की।