लंदन में मारबल आर्च में मंगोलियाई वॉरियर चंगेज खां की कांसे की मूर्ति लगाई गई है. 16 फिट ऊँची मूर्ति में इस जाने माने लड़ाकू को मंगोलियाई कवच पहने एक घोड़े पर बैठे दिखाया गया है.

इस मूर्ति को दाशी नामदकोव ने बनाया है. मूर्ति तैयार करने वाले नामदकोव की मंगोलियाई कल्चर से खास लगाव है. वह इस लड़ाकू की 850वीं वर्षगाँठ पर उसका सम्मान करना चाहते थे. उनका कहना था,’अगर मैं उनको योद्धा के रूप में दिखाना चाहता तो मैंने उन्हें योद्धा के रूप में दिखाया होता, लेकिन यहाँ पर मैंने उन्हें एक विचारक के रूप में दिखाया है. मेरे देश में उनको एक महान व्यक्ति माना जाता है.’

नामदकोव का जन्म एक साइबेरियाई गाँव में हुआ था. यह गाँव उस इलाके के करीब था जहाँ घुमंतु मंगोल जनजातियों का नियंत्रण हुआ करता था. इसी वजह से उनकी मंगोल संस्कृति में रुचि की शुरुआत भी हुई. वेस्टमिंस्टर काउंसिल ने इस मूर्ति को 2010 से चल रहे सिटी ऑफ स्कल्पचर समारोह के एक भाग के रूप में चुना है. इस समारोह का उद्देश्य राजधानी के कई हिस्सों में में ओलंपिक और पैराओलंपिक खेलों से पहले इस तरह की कलाकृतियों को लगाना है.

हालक्यॉन गैलरी का कहना है कि इस मूर्ति को खासतौर से मारबल आर्च के लिए बनाया गया है. इस कलाकृति में मध्ययुगीन मंगोलियाई कवच और पोशाक के बारीक विवरणों को दिखाया गया है. गैलरी का कहना है, योद्धा को घोड़े पर बैठाने का फैसले के पीछे उद्देश्य ’घुमक्कड़ी की भावना और प्राचीन मंगोल संस्कृति को सीधे लोगों के बीच ले जाना है.’

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