सेटेलाइट की मदद से रहेगी कर्मचारियों पर नजर

स्मार्टवॉच से लैस होंगे निगम के कर्मचारी

गत माह दिल्ली में आयोजित आईटीआई कार्यशाला में मेरठ और लखनऊ ने जताई थी रजामंदी

2900 से अधिक स्थाई और अस्थाई कर्मचारियों के लिए खर्च होंगे 7 से 8 करोड़

Meerut। बॉयोमेट्रिक व्यवस्था फेल होने के बाद नगर निगम अब अपने कर्मचारियों पर निगरानी के लिए अत्याधुनिक जियो फेसिंग तकनीक का सहारा लेगा। इसके तहत निगम बकायदा अपने सफाई कर्मचारियों जीपीएस युक्त स्मार्ट वॉच भी पहनाएगा। हालांकि , निगम अभी बजट के अभाव के चलते इस योजना को जनपद में लागू करने में देरी कर सकता है। नगरायुक्त मनोज चौहान ने बताया कि स्वच्छ भारत अभियान के तहत कई प्रकार के नई और अच्छी योजनाओं की जानकारी कार्यशाला में दी गई थी। स्मार्ट वॉच प्रोजेक्ट उनमें से एक है, लेकिन अभी योजना के लिए विचार विमर्श चल रहा है।

जियो फेसिंग तकनीक

जियो फेसिंग सेटेलाइट के माध्यम से जुड़ी एक तकनीक है जिसमें सेटेलाइट के माध्यम से किसी एक क्षेत्र पर निगरानी रखी जाती है। जीपीएस युक्त एक डिवाइस के साथ उस क्षेत्र में प्रवेश करने वाले कर्मचारी पर जियो फेसिंग के माध्यम से निगरानी रखी जाती है। कर्मचारी की लोकेशन, मूवमेंट और अन्य गतिविधियों को इस तकनीक से मॉनिटर किया जाता है।

जीपीएस युक्त होगी स्मार्ट वॉच

जियो फेसिंग तकनीक के लिए गत माह दिल्ली में आयोजित आईटीआई कार्यशाला में मेरठ और लखनऊ ने रजामंदी जताई थी। इस समझौते के तहत मेरठ नगर निगम में भी सफाई कर्मचारियों को जीपीएस युक्त इस स्मार्ट वॉच से लैस कर जियो तकनीक का प्रयोग किया जाएगा। इससे निगम के कर्मचारियों की समय सारणी भी सुधरेगी और निगम के काम में भी सुधार होगा।

बजट के इंतजार में योजना

इस तकनीक पर भरोसा जताते हुए निगम ने लागू करने की योजना तो बना ली लेकिन नगर निगम के पास स्मार्ट वॉच का बजट ना होने के कारण अभी योजना को लागू होने में समय लग जाएगा। इस योजना के तहत निगम के करीब 2900 से अधिक स्थाई और अस्थाई कर्मचारियों के लिए 7 से 8 करोड़ का खर्च स्मार्ट वॉच पर होगा। ऐसे में निगम इस योजना के लिए नए सत्र में बजट का इंतजार कर रहा है।