- स्टूडेंट्स को ग्राम सभाओं में भेजने के दिए निर्देश

- भूगोल के स्टूडेंट को सौंपी गई महत्वपूर्ण जिम्मेदारी

Meerut : अब ग्राम सभाओं में बदलाव करने की जिम्मेदारी केंद्र सरकार ने स्टूडेंट्स को सौंपी है। केंद्र सरकार के निर्देशों पर यूजीसी ने सभी यूनिवर्सिटीज को निर्देश दिए हैं। इसके मुताबिक अब यूनिवर्सिटीज के भूगोल के स्टूडेंट्स को ग्राम सभाओं के प्रोजेक्ट पर काम करना पड़ेगा।

विकास की है उम्मीद

यूनिवर्सिटीज व डिग्री कॉलेजों के ज्योग्राफी के स्टूडेंट से केंद्र सरकार भी ग्राम सभाओं के विकास का खाका खींचने की उम्मीद जता रही है। इसके लिए उन्हें मिशन मोड में शुरू किए गए ई-पंचायत से जुड़ने को कहा गया है।

मिलेगी मदद

यूजीसी सचिव ने सभी यूनिवर्सिटीज व कॉलेजों के लिए फरमान जारी किया है, जिसके अनुसार ई-पंचायत के अंतर्गत जानकारियों के लिए जो अप्लीकेशन डेवलप किए गए हैं, उनका डेटा ज्योग्राफिक इंफॉर्मेशन सिस्टम पर उपलब्ध होगा। यूजीसी ने कहा है कि ई-पंचायत के जरिए सरकार की मंशा यह है कि पूरे देश की ग्राम पंचायतों व उस स्तर की दूसरी संस्थाओं के आधारभूत सुविधाओं का डाटा तैयार किया जा सके। इससे पंचायतों को सुधारने के लिए अच्छी मदद मिल सकती है।

मांगी है पूरी रिपोर्ट

यूजीसी ने यूनिवर्सिटीज से अपेक्षा की है कि वह अपने ज्योग्रॉफी डिपार्टमेंट के जरिए पंचायती राज संस्थानों में कैपिसिटी बिल्डिंग में मदद करेंगे। इसके अंतर्गत विभागों की ओर से गांवों का चयन किया जा सकता है और उपलब्ध डेटा की पब्लिक ऑडिट कर विकास मॉडल तैयार किए जा सकते हैं, ज्योग्राफी के स्टूडेंट्स को प्रोत्साहित किया जाए कि वह ग्राम सभाओं की मीटिंग में हिस्सा लें और वहां योजनाओं और दूसरी जरुरी जानकारियां पहुंचाएं।

ई-पंचायत का पड़ेगा प्रभाव

केंद्र सरकार ने ग्राम पंचायतों को ज्यादा जवाबदेही व प्रभावी बनाने के लिए ही ऑनलाइन बनाने की कवायद शुरू की है। केंद्र सरकार ने प्रदेशों को भी इस योजना से जोड़ा है। अभी इसके लिए दस वेब बेस्ड अप्लीकश्ेान तैयार हो सकेंगी। इनके आधार पर हर ग्राम पंचायतों से जुड़ी जानकारियां ऑनलाइन हो सकेंगी।

इस तरह के हैं अप्लीकेशन

ई पंचायत से जुड़े जो दस अप्लीकेशन तैयार किए गए हैं, उसमें स्थानीय प्रशासन के अफसरों से जुड़ी डायरेक्ट्री, एरिया प्रोफाइल, ग्राम पंचायत से जुड़ा इकोनॉमिक पार्ट एवं अन्य जानकारियां। पंचायत अकाउंटिंग, सोशल ऑडिट सहित दूसरे मुद्दों को शामिल किया गया है।

रोज तैयार की जाती है रिपोर्ट

पंचायती राज विभाग के अंतर्गत एक पोर्टल तैयार किया गया है, जिस पर रोज राज्यों की ओर से पोर्टल पर अपलोड की जाने वाली जानकारियों की मॉनिटरिंग की जाती है। यही वजह है कि केंद्रीय व राज्य अधिकारियों दोनों ही योजनाओं में ग्राम सभा स्तर के कर्मचारियों को भी लैपटॉप व टैबलेट से लैस करने की कवायद शुरू की गई है।

यूजीसी का यह प्रयास सराहनीय है। इससे स्टूडेंट की सोच भी सामने आएगी और जिससे कुछ न कुछ नया ही निकलकर आएगा जो विकास के लिए सकारात्मक होगा।

प्रो। एनके तनेजा, वीसी, सीसीएस यूनिवर्सिटी