कानपुर। दुनिया में बढ़ते प्रदुषण को ध्यान में रखते हुए जर्मनी में एक नायब चीज की शुरुआत की गई है। 'द गार्जियन' की एक रिपोर्ट के मुताबिक, जर्मनी में हाइड्रोजन गैस से चलनी वाली दुनिया की पहली "हाइडरेल" ट्रेन की शुरुआत की गई है। कहा जा रहा है कि इस ट्रेन से प्रदूषण काफी कम होगा। यही कारण है कि इस ट्रेन को इको-फ्रेंडली भी कहा गया है। बता दें कि हाइड्रोजन से चलने वाली दुनिया के इस पहली ट्रेन को फ्रांस की एक मल्टीनेशनल कंपनी 'अलस्टॉम' ने बनाया है।

बहुत कम करती है आवाज
सिएनबीसी की एक रिपोर्ट के मुताबिक, पिछले मार्च से अब तक जर्मनी में इस ट्रेन का कई बार परिक्षण किया जा चुका है और सभी एंगल्स से यह ट्रेन सफल साबित हुई है। अलस्टॉम के येंस स्प्रोटे ने लॉन्चिंग के दौरान कहा कि यह नई ट्रेन डीजल इंजन की तुलना में 60 प्रतिशत कम आवाज करती है, यह पूरी तरह से ऊर्जा मुक्त है। उन्होंने बताया कि यात्रियों को ले जाने की क्षमता और इसकी रफ्तार भी डीजल ट्रेन की तरह है। इस ट्रेन का निर्माण पर्यावरण की समस्या को ध्यान में रखते हुए किया गया है। इसमें कम कीमत पर भी यात्री यात्रा कर सकते हैं।

ट्रेन से निकलता है भाप
बता दें कि यह नई ट्रेन सोमवार को लॉन्च होने के बाद उत्तरी जर्मनी के कस्बों और शहरों कक्सहेवन, ब्रेमेरहेवन, ब्रेमर्वोर्डे और बक्सटेहुड से गुजरती हुई करीब 100 किलोमीटर तक चली। यह हाइडरेल भी डीजल इंजन की तरह तकनीक का इस्तेमाल करती है। इस ट्रेन में डीजल की जगह फ्यूल सेल, हाइड्रोजन और ऑक्सीजन डाले जाते हैं। ऑक्सीजन की मदद से हाइड्रोजन नियंत्रित ढंग से जलती है और इस ताप से बिजली पैदा होती है। बिजली लिथियम आयन बैटरी को चार्ज करती है और ट्रेन चलती है। इस दौरान धुएं की जगह सिर्फ भाप और पानी निकलता है। बता दें कि हाइड्रोजन गैस से एक बार टैंक फुल करने पर यह ट्रेन 140 किलोमीटर प्रति घंटे (87 मील प्रति घंटे) की अधिकतम रफ्तार से लगभग 1000 किलोमीटर का सफर आसानी से तय कर सकती है।

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