देहरादून.

पावर कट के दौरान वाटर क्राइसिस के बावजूद भले ही जल संस्थान द्वारा ट्यूबवेल्स में जनरेटर न लगाए गए हों, लेकिन जल संस्थान द्वारा बजट तैयार कर शासन को भेजा गया है. प्राइवेट जनरेटर हायर करने के लिए 48 लाख रुपये की मांग की गई है. दो वर्ष पहले जल संस्थान ने 2.5 करोड़ के 10 जनरेटर खरीदे थे जो गायब हैं. ऐसे में प्राइवेट हायर किए जा रहे हैं.

36 जनरेटर का टेंडर

जल संस्थान की ओर से प्राइवेट कंपनियों से टेंडर कर सभी जोन के लिए 36 जनरेटर्स को हायर किया जा रहा है. ये बात अलग है कि लो वोल्टेज या पावर कट के दौरान जल संस्थान के ट्यूबवेल नहीं चल पा रहे, लोग डिमांड कर रहे हैं कि ट्यूबवेल पर जनरेटर्स की व्यवस्था की जाए, जल संस्थान द्वारा 10 जनरेटर खरीदे भी गए थे, जो कहां हैं विभागीय अफसरों को नहीं पता. प्राइवेट जनरेटर भी हायर किए जा रहे हैं, लेकिन उनसे काम नहीं लिया जा रहा. ऐसे में 48 लाख का प्रपोजल शासन को भेजने पर सवाल खड़े हो रहे हैं.

किस जोन के लिए कितना खर्च

अनुरक्षण जोन- 14 लाख

उत्तर जोन- 2 लाख

दक्षिण जोन- 17 लाख

पित्थूवाला जोन- 8 लाख

रायपुर जोन- 6 लाख

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वाटर व‌र्क्स में खड़ा जनरेटर

एक ओर जगह-जगह बिजली की वजह से क्राइसिस हो रही हैं. वहीं दिलाराम स्थित वाटर व‌र्क्स में मोबाइल जनरेटर यूं ही खड़ा है. हालांकि अधिकारी जनरेटर चलाने में लगने वाले डीजल का रोना रोते हुए इसे नहीं चला रहे हैं.

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जहां भी आवश्यकता होगी तो कंपनियों से वहां जनरेटर भेजने को कहा जाएगा. फिलहाल ऐसी आवश्यकता नहीं पड़ रही है.

- यशवीर मल्ल, ईई, नॉर्थ जोन