नीट की टॉपर प्रतिभा ने शेयर किया सफलता का राज

बताया, पूरे परिवार में आज भी कोई सोशल मीडिया पर नहीं

PRAYAGRAJ: उम्र के जिस पड़ाव पर यंगस्टर्स पबजी और ब्लू व्हेल खेलने में समय बिताते हैं उसी एज में मूल रूप से कुशीनगर की प्रतिभा चाहरा ने सोशल मीडिया से दूरी बनाकर रखी. टारगेट फिक्स था. नीट में बेहतर रैंक लाना ताकि मनचाहा कॉलेज सेलेक्ट करने का आप्शन मिल जाय और ऐसा संभव भी हो गया. उसने मुकाम हासिल भी कर लिया. बुधवार को घोषित हुए नीट के रिजल्ट में उन्होंने ओबीसी कैटेगिरी में आल इंडिया ओबीसी 89 रैंक हासिल की. सबसे अहम कि पिता राजेंद्र सिंह के आटो मोबाइल बिजनेसमैन होने के बावजूद प्रतिभा के पास एंड्रायड मोबाइल तक नही है. महज एक साल पहले उन्होंने साधारण मोबाइल फोन लेकर उसमें सिम डाला था ताकि नीट की तैयारी के दौरान वह परिजनों से संपर्क रख सकें.

नो फेसबुक ऑर ट्विटर

प्रतिभा कहती हैं कि उन्हें केवल अपने लक्ष्य से सरोकार था. यही कारण था कि कभी भी व्हाटसऐप, फेसबुक या ट्विटर उनका ध्यान अपनी ओर नही खींच सके. रोजाना चार घंटे केमेस्ट्री, 2 घंटे बायो और 4 घंटे फिजिक्स पढ़ने के दौरान उनका ध्यान सेल्फी लेने पर भी नही गया. उन्हें केवल नीट को अच्छे रैंक से क्वालिफाई करने का जुनून था जो पूरा हो गया. हालांकि, वह सोशल मीडिया को गलत नही मानती लेकिन कहती हैं कि युवाओं को इनका उतना ही यूज करना चाहिए जितना उनके कॅरियर के लिए माकूल हो.

मां बीमार रहती हैं इसलिए बनी डॉक्टर

उनकी मां सुनीता देवी हाउस वाइफ हैं. प्रतिभा कहती हैं कि मां अक्सर बीमार रहती हैं इसलिए उन्होंने मेडिकल लाइन में जाने के बारे में सोचा. वह ग्रामीण एरिया में रहकर लोगों को स्वास्थ्य सुविधएं उपलब्ध कराने के पक्ष में हैं. उन्होंने तैयारी के दौरान पूरा दिन केवल कोर्स रिवीजन किया और कोचिंग की मदद ली. अब वह केजीएमसी या प्रयागराज के एमएलएन मेडिकल कॉलेज में एडमिशन लेना चाहती हैं. बता दें कि प्रतिभा ने प्रयागराज में रहकर नीट का फाउंडेशन कोर्स किया था. इसके बाद वह तैयारी के लिए कोटा चली गयीं.