JAMSHEDPUR: घाघीडीह सेंट्रल जेल में रविवार को हुई छापामारी की प्रारंभिक जांच पूरी हो गई है। इसमें सहायक कारापाल (जेलर) नसीम अहमद, चार कक्षपाल क्रिस्टोफर एक्का, कमल नयन पासवान, बालेश्वर राम रविदास व विजय कुमार, दफा प्रभारी शिव कुमार प्रसाद, प्रभारी उच्च कक्षपाल मुरारी रजक और जैप क्0 के पांच हवलदार अनिल तिवारी, रामदेव राम, श्यामलाल तैसून, दिनेश प्रसाद और मिलन महतो दोषी पाए गए हैं। डीसी अमित कुमार ने गृह विभाग को दोषी पाए गए इन अधिकारियों और कर्मचारियों को निलंबित कर इनके खिलाफ विभागीय कार्रवाई की अनुशंसा की है। इन अधिकारियों और कर्मचारियों पर कार्रवाई तय मानी जा रही है।

तलाशी में कोताही बरती

जैप क्0 के जवानों की जिम्मेदारी थी कि वो जेल के गेट से अंदर जाने वालों की गहन तलाशी लें और मोबाइल समेत अन्य प्रतिबंधित सामान अंदर नहीं ले जाने दें। इन जवानों पर आरोप है कि उन्होंने तलाशी में कोताही बरती। उनकी लापरवाही या बेईमानी की वजह से मोबाइल और अन्य सामान अंदर पहुंचे। जबकि, कक्षपाल की जिम्मेदारी है कि वो कक्ष में निगाह रखें। वहां अगर उन्हें प्रतिबंधित चीज नजर आती है तो अधिकारियों के संज्ञान में लाकर कार्रवाई करें। जांच में पता चला है कि कक्षपालों ने कक्ष में मोबाइल होने की जानकारी से आला अफसरों को अंधेरे में रखा। जेलर पर आरोप है कि उन्होंने कर्तव्य का पालन नहीं किया और वार्ड में मोबाइल होने की जानकारी उन्हें नहीं मिल पाई।