- किसी भी सरकारी अस्पतालों में नहीं है कोई व्यवस्था

- आई नेक्स्ट ने प्रमुखता से छापी थी खबर, हरकत में आया केजीएमयू प्रशासन

LUCKNOW: अब किंग जॉर्ज चिकित्सा विश्वविद्यालय प्रशासन गरीब मरीज की डेथ होने पर डेड बॉडी को घर छोड़ने की भी व्यवस्था करेगा। आई नेक्स्ट की खबर के बाद केजीएमयू प्रशासन हरकत में आया और वीसी प्रो। रविकांत ने लोकल स्तर पर सभी जरुरतमंदों को उनकी डेड बॉडी घर तक पहुंचाने के आदेश दे दिए। साथ ही रिमोट एरियाज में भी बॉडी भेजने के लिए एजेंडा बनाने की बात कही।

व्यवस्था है मगर

आई नेक्स्ट ने बुधवार के अंक में पब्लिश किया था कि मरीज को अस्पताल तक ले जाने के लिए मुफ्त में व्यवस्था है, इलाज भी मुफ्त में मिल जाता है, लेकिन डेथ होने पर गरीब व्यक्ति की डेड बॉडी घर तक पहुंचाने की व्यवस्था नहीं है। वीसी प्रो। रविकांत ने बताया कि लोकल स्तर पर क्भ्-ख्0 किमी। तक नगर निगम की सीमा तक जरुरतमंदों को डेड बॉडी घर तक पहुंचाने की व्यवस्था है। इसके लिए पीआरओ या सीएमओ, एमएस से सम्पर्क करना होगा।

अगर दिक्कत आती है तो

प्रो। रविकांत ने बताया कि गवर्नमेंट रूल्स के मुताबिक, हमारी गाड़ी दूर स्थानों में डेड बॉडी को छोड़ने की परमीशन नहीं देते। इसके लिए अलग से एजेंडा बनाया जाएगा और इसका समाधान निकाला जाएगा। फ्री इलाज है तो डेड बॉडी को भी फैमिली के बताए स्थान तक पहुंचाया जाएगा। अगर फंड की दिक्कत आती है तो शासन से इसकी डिमांड की जाएगी।

सरकारी अस्पतालों में भी नहीं काेई व्यवस्था

सीएमओ डॉ। एसएनएस यादव ने बताया कि सरकार की तरफ से अभी तक ऐसा कोई नियम नहीं है। राजधानी के ही डॉ। श्यामा प्रसाद मुखर्जी अस्पताल, डॉ। राम मनोहर लोहिया अस्पताल, संजय गांधी पीजीआई सहित अन्य किसी भी अस्पताल में डेड बॉडी को घर छोड़ने की कोई व्यवस्था नहीं है।

बलरामपुर में है एक गाड़ी

बलरामपुर अस्पताल में डेड बॉडी को घर तक पहुंचाने के लिए एक संस्था भारत सेवा ट्रस्ट ने एक गाड़ी दान की थी। जिससे गरीबों को उनके परिजनों की डेड बॉडी घर तक छोड़ने की व्यवस्था है। उसके बाद से काफी संख्या में मरीजों को मदद मिली।