- 26 घाटों के जीर्णोद्धार के साथ मंदिरों का भी लेंगे पुरसाहाल

- मणिकर्णिका घाट के मंदिरों की होगी सफाई, हटेंगे खरपतवार

VARANASI

नमामि गंगे योजना के तहत 26 घाटों की मरम्मत के साथ ही प्रशासन अब घाट किनारे बने पुराने मंदिरों का भी पुरसाहाल लेगा। कमिश्नर दीपक अग्रवाल ने आदेश दिए हैं कि घाट किनारे बने उन पुराने मंदिरों की सूची बनाई जाएं जिनकी हालत जर्जर है। इन मंदिरों की साफ-सफाई और जीर्णोद्धार के लिए प्रशासन काम करेगा।

कई पर अवैध कब्जा

काशी की पहचान बन चुके घाटों में तमाम ऐसे घाट हैं जिनकी हालत बेहद खराब हो चली है। इनके अलावा कई घाटों पर पुराने मंदिर भी हैं जिनकी देखरेख कोई नहीं करता। इन मंदिरों में किसी पर्व या दिन विशेष पर पूजापाठ होती है। घाट किनारे के ज्यादातर ऐसे मंदिरों पर अवैध कब्जे हो चुके हैं तो काशी खंड में उल्लिखित तमाम मंदिरों पर खरपतवार जम गई है। कमिश्नर ने इन मंदिरों की देखरेख के लिए योजना बनाने का निर्देश दिया है।

रत्‍‌नेश्वर महादेव की होगी सफाई

पिछले दिनों मणिकर्णिका घाट के निरीक्षण पर गए कमिश्नर ने घाट पर स्थित ताड़केश्वर मंदिर की दुर्दशा देखी। यहीं गंगा में स्थित रत्‍‌नेश्वर महादेव मंदिर (टेढ़ा होने के कारण जिसे काशी करवट भी कहा जाता है) पर भी खरपतवार जम गया है। इसकी वजह से इन मंदिरों पर लगे पुराने पत्थर और विग्रह खराब हो रहे हैं। कमिश्नर ने आदेश दिया है कि इन मंदिरों की देखरेख और जीर्णोद्धार के लिए योजना बनाई जाए। बता दें कि नमामि गंगे योजना के तहत काशी के 26 घाटों का 10.58 करोड़ रुपये की लागत से जीर्णोद्धार कराने की योजना का शुभारंभ भी कचनार की सभा में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने ि1कया है।

घाटों के साथ ही यह पौराणिक मंदिर भी काशी की धरोहर हैं। इन पुराने मंदिरों को उनके मूल स्वरूप में बनाए रखने के लिए प्रयास किए जा रहे हैं।

दीपक अग्रवाल, कमिश्नर वाराणसी