हर कोई चाहता है कि उसे न्यू ईयर में कोई गुड न्यूज मिले। आपके पास भी एक अच्छी खबर है। खबर यह है कि आपके यहां न्यू ईयर से जस्ट पहले एक दिलेर मेहमान आया है। यह गुड न्यूज इसलिए बड़ी है कि कहा जा रहा है दुनिया से बाघ कम होते जा रहे हैं। इसके बचाव के लिए लगातार कई सारे अभियान चलाए जा रहे हैं। इंडियन क्रिकेट के कैप्टन माही ने भी एक बाघ को गोद लिया है। मतलब, जिसके लिए इतना कुछ किया जा रहा है, अगर वो खुद ही हमारे पास आ जाए, तो इससे बड़ी खुशी क्या हो सकती है?

खुशहालपुर में घुसा बाघ

हम यूं कह सकते हैं कि देश में नेशनल एनिमल की संख्या बढ़ी है। इजाफा इस कदर हो रहा है कि उनके लिए जंगल भी छोटे पड़ रहे हैं। टाइगर रिजर्व छोटा पड़ रहा है। टाइगर आबादी वाले इलाके में घुस जा रहे हैं। हालांकि कई बार तो टाइगर्स को गांववालों ने मार गिराया। अभी दो दिसंबर की ही घटना को लीजिए। एक टाइगर वैशाली के खुशहालपुर गांव में घुस आया।

बच्चों ने किया इंफॉर्म

फुटबॉल खेल रहे बच्चों ने पहली बार देखा, तो इसकी सूचना फॉरेस्ट डिपार्टमेंट को दी गई। डीएफओ के साथ वन्य अधिकारियों की पूरी टीम सर्च ऑपरेशन में जुट गई। टाइगर तो अब तक नहीं मिला है। उलटे वन्य अधिकारियों को लीड कर रहे डीएफओ गणेश कुमार पर टाइगर ने अटैक करके उन्हें जख्मी कर दिया। हालांकि अभी भी तलाशी अभियान जारी है। इस टाइगर की टोह लेने के लिए असम से दो हाथी मंगवाए जा रहे हैं।

बढ़ी है टाइगर की संख्या

इस घटना के बाद टाइगर की स्थिति पर ध्यान जाना स्वाभाविक है। पता चला है कि पिछले दो-तीन सालों में बाघों की संख्या में जबरदस्त इजाफा हुआ है। यूएनडीपी में इनवायरन्मेंट ऑफिसर कुमार दीपक का कहना है कि वर्ष 2007 में जहां टाईगर्स की संख्या 1411 थी, वहीं वर्ष 2011 में बढ़ कर 1706 हो गई है। हालांकि वैशाली जैसी घटनाएं देश के कई हिस्सों में होती रही हैं, जहां बाघ अपने रिजर्व एरिया से निकलकर मैन पॉपुलेटेड एरियाज में आ जा रही हैं।

यह कोई पहली घटना नहीं

टाइगर की संख्या में लगातार बढ़ोत्तरी होने के कारण आए दिन ये मानव आबादीवाले इलाके में चले जा रहे हैं। केवल टाईगर्स ही नहीं, बल्कि लियोपार्ड, जंगली हाथी, पैंथर आदि भी रिहायशी इलाकों में पहुंचकर अपना तांडव दिखा जाते हैं। कुमार दीपक का कहना है कि किसी भी वाइल्ड लाइफ रिजर्व के बाहर का कुछ एरिया बफर जोन के रूप में होता है, जिसमें कोई आबादी नहीं रहती। पर, अब बफर जोन का एरिया सिमट गया है, जिस कारण वाइल्ड लाइफ रिजर्व से बाहर निकलने के बाद सीधे रिहाइशी इलाकों में पहुंच जा रहे हैं।